न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । अपनों के द्वारा नकारे गए एवं घरों से निकाले गए बुजुर्गों को पिछले कई वर्षों से आश्रय दे रहे प्रेरणा वृद्धाश्रम की ख्याति देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेशों में भी पहुंची हुई है। यही कारण है कि यहां के बुजुर्गों से मिलने के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते हैं। इसी क्रम में बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने के लिए तथा उन से भावनाएं सांझा करने के लिए राजस्थान के श्रीगंगानगर से सलोनी और साहिल का परिवार पहुंचा तो उनके साथ जयपुर से हर्ष और दीपाली भी थे। साथ में उनके रिश्तेदार शेफाली और प्रवेश भी मौजूद रहे। राजस्थान से आए परिवारों के बच्चों ने भी बुजुर्गों के साथ समय बहुत अच्छा व्यतीत किया तथा विचार सांझा किए। इन परिवारों के सदस्यों ने कहा कि छोटे छोटे बच्चों को भी साथ लाने का मकसद बच्चों में बुजुर्गों के प्रति सम्मान का जज्बा पैदा करना था। इस मौके पर प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक डा. जय भगवान सिंगला ने राजस्थान से आए लोगों को शाल ओढ़ा कर सम्मानित भी किया। प्रेरणा की अध्यक्षा रेनू खुंगर ने अंग वस्त्र पहना कर सभी का स्वागत किया। संस्था की सक्रिय सदस्य शिल्पा सिंगला ने सभी का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। इस के उपरांत प्रेरणा वृद्धाश्रम में स्थित मंदिर में पूजा अर्चना की व शहीदी स्मारक पर शहीदों को प्रणाम कर श्रद्धा पुष्प अर्पित किए। साथ ही पूरे वृद्धाश्रम का अवलोकन किया। राजस्थान से आई सलोनी ने कहा हमें किसी ने बताया था कि कुरुक्षेत्र में सभी सुविधाओं से सुसज्जित निशुल्क अति सुंदर वृद्धाश्रम है। इस बात को सुनकर हम यहां विशेष तौर पर बच्चों को दिखाने के लिए साथ ले कर आए हैं। हर्ष और दीपाली ने कहा कि हमने अपने जीवन में इतना सुंदर इतना सुव्यवस्थित वृद्धाश्रम पहले कभी नहीं देखा। शैफाली ने कहा कि हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा कोई वृद्धाश्रम भी हो सकता है जो इतना सुंदर हो जहां पर रहने वाले वृद्धों के लिए इतनी अत्याधुनिक सुविधाएं हों। डा. जय भगवान सिंगला ने वृद्धाश्रम की स्थापना एवं उद्देश्यों सहित अन्य जानकारी विस्तार से दी। वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों ने राजस्थान से आए लोगों को आशीर्वाद दिया। इस मौके पर बलविंदर कौर, शकुंतला देवी, सीता देवी, मलकीत कौर, उषा सच्चर, क्षमा