युवाओं को अर्जित ज्ञान के साथ-साथ आज के दौर में चल रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट तथा नई-नई तकनीकों का करना होगा प्रयोग- राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
साल 2047 तक भारत सुपर पावर बनेगा और इसमें आज के युवाओं की भागीदारी भी हो सुनिश्चित- दत्तात्रेय
दीक्षांत समारोह में 1118 विद्यार्थियों को डिग्रियाँ की गई प्रदान
चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि युवाओं को ज्ञान अर्जित करने के साथ- साथ तकनीक के माध्यम से आगे बढ़ने के लिए आज के दौर में चल रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट तथा नई-नई तकनीकों का प्रयोग करना होगा। इससे उनकी निपुणता, नवाचार और सोच में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2047 तक भारत सुपर पावर बनेगा और इसमें आज के युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित होनी चाहिए, इसलिए युवाओं को इस कार्य में बढ़ चढ़ कर भाग लेना होगा।
राज्यपाल आज एपीजे सत्या विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। यह समारोह संस्था के दिल्ली पंचशील पार्क स्थित संस्थान में आयोजित किया गया था।
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में जब कोई विद्यार्थी कड़ी मेहनत व लग्न के साथ शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत उपाधि प्राप्त करता है तो वह पल उसके लिए बेहद गौरवशाली एवं उपलब्धि भरा होता है। आज का यह उपलब्धियों भरा गौरवमय क्षण आप विद्यार्थियों के अथक परिश्रम एवं सतत अध्ययन के साथ-साथ आपके आदरणीय माता-पिता के आपार त्याग, तपस्या और कठोर परिश्रम, गुरुजनों के सहयोग एवं मार्गदर्शन का परिणाम है।
नौकरी मांगने वालों की बजाए युवा नौकरी देने वाले बने – राज्यपाल
दत्तात्रेय ने युवा विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह सही है कि आज आप उत्तीर्ण हुए हैं और डिग्री लेकर यहां से बाहर जा रहे हैं और इस डिग्री व ज्ञान से आपको नौकरी मिल जाएगी परंतु आपको इससे एक कदम और आगे बढ़कर सोचना चाहिए अर्थात नौकरी प्राप्त करना ही नहीं, बल्कि नवयुवकों को नौकरी देने वाले बने। इसके लिए आपको संकल्प करना होगा और कोई भी शंका नहीं रखनी चाहिए । उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में कुशल लोगों की कमी है इसलिए आपको नवाचार और अनुसंधान के साथ आगे बढ़ना होगा। दुनिया में साल 2030 तक तीन करोड़ नौकरियां सृजित होने वाली है जिनमें से दो करोड नौकरियां भारत के युवा प्राप्त कर सकते हैं यदि वे कुशल व योग्य हैं।
विधानमंडल के अधिनियम द्वारा स्थापित और सभी नियामक निकायों द्वारा अनुमोदित एक युवा दूरदर्शी बहु-विषयक राज्य निजी विश्वविद्यालय है और यह भारत का पहला उद्योग-केंद्रित प्रौद्योगिकी और उदार कला विश्वविद्यालय है जो अनुसंधान और नवाचार पर केंद्रित है और जो आज नौ विषयों में यूजी, पीजी और डॉक्टरेट स्तर पर चौबीस कैरियर उन्मुख कार्यक्रमों में शिक्षा प्रदान करता है। विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद और यूजीसी ने अच्छी तरह से स्वीकार किया है, जिसने एएसयू को उसके मूल्यांकन के प्रथम चक्र में ए-ग्रेड के साथ मान्यता दी और 12 (बी) का दर्जा दिया, जिसके लिए विश्वविद्यालय बधाई का पात्र है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि स्टैनफोर्ड और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के जाने-माने शिक्षाविद एपीजे सत्या विश्वविद्यालय के सलाहकार बोर्ड में शामिल हैं। विश्वविद्यालय में निगमित संसाधन केंद्र (कॉर्पोरेट रिसोर्स सेंटर सीआरसी) मजबूत उद्योग इंटरफेस की सुविधा प्रदान करता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को सार्वजनिक और निजी दोनों संस्थानों द्वारा अच्छी तरह से मान्यता दी गई है और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है।
डॉ. सत्या पॉल एक महान स्वतंत्रता सेनानी, उत्कृष्ट नेता, उद्योगपति, प्रमुख शिक्षाविद्, परोपकारी और महान विचारक थे – राज्यपाल
उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि एपीजे सत्या विश्वविद्यालय डॉ. सत्या पॉल के दृष्टिकोण से निर्देशित है, जोकि एक महान स्वतंत्रता सेनानी, उत्कृष्ट नेता, एक उद्योगपति, प्रमुख शिक्षाविद्, परोपकारी और महान विचारक थे।