न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।आज वैशाख शुक्ल पंचमी तिथि को आदि गुरु शंकराचार्य जी की पावन जयन्ती के उपलक्ष में संस्कृतभारती हरियाणा न्यास द्वारा कुरुक्षेत्र में जनपद सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में कुरुक्षेत्र जिले के लगभग 200 कार्यकर्ता उपस्थित रहे।सम्मेलन में कुरुक्षेत्र के प्रसिद्ध शिक्षाविद, समाजसेवी,आध्यात्मिक संन्यासी वृन्द तथा देव वाणी संस्कृत के उपासक,शिक्षक, वेदपाठी छात्र उपस्थित रहे। मुख्यातिथि के रूप में स्थानेश्वर महादेव मंदिर के कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण महाराज उपस्थित रहे।अध्यक्ष के रूप में श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुल सचिव एवं प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. नरेश भार्गव ने संस्कृत को वैज्ञानिक भाषा बताते हुए प्रत्येक अनुसंधान के लिए संस्कृत को अनिवार्य बताया।इस अवसर पर संस्कृत भाषा में गीत,श्लोकगायन,संवाद इत्यादि कार्यक्रम बालकों द्वारा प्रस्तुत किए गए।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित संस्कृत भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री नरेन्द्र कुमार ने सभी संस्कृतसंस्थाओं,संगठनों और विद्वानों का आह्वान करते हुए कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा है और हमारे नित्य जीवन का अंग है, अतः हम सभी को मिलकर संस्कृत के संवर्धन के लिए कार्य करना चाहिए।चर्चा सत्र में भाग लेते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत प्राध्यापक डॉ. रामचंद्र जी,डॉ विनोद कुमार, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.नवीन कुमार, गीता ज्ञान संस्थान के प्राचार्य डॉ बलवंत वत्स, मातृभूमि सेवा मिशन के संचालक डॉ श्री प्रकाश मिश्रा, जय राम विद्यापीठ के आचार्य दीपक शर्मा ने संस्कृत भाषा का महत्त्व बताते हुए अपने अनेक अनुभवों को सांझा किया।इस अवसर पर ब्राह्मण तीर्थोद्धार सभा के मुख्य सलाहकार जय नारायण शर्मा, वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक,श्रीकष्णधाम संस्कृत महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोमिला,संस्कृत भारती हरियाणा न्यास के अध्यक्ष डॉ रामनिवास, कोषाध्यक्ष श्री हरिदेव शास्त्री, जिला मंत्री डॉ आशुतोष, नगर संयोजक श्री कपिलशास्त्री, पुष्पेन्द्र आत्रेय,कृष्ण शास्त्री,रामनिवास चक्रपाणि,पवन,भागीरथ, प्रदीप इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।