गीता जयंती के उपलक्ष्य में नाटक द्रौपदी का हुआ सफल मंचन
नाटक द्रौपदी-कटार शब्दों की ने दिखाई नारी की मनोस्थिति
गीता सनातन धर्म की धरोहर है। संजय भसीन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,25 दिसंबर। गीता जयंती महोत्सव पिछले कईं वर्षाें से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूरी भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को आनलाईन तकनीक के माध्यम से लोगों तक पहुचाया गया है। हर वर्ष हरियाणा कला परिषद द्वारा नाट्य महोत्सव, नुक्कड़ नाटकों तथा अन्य सांस्कृतिक आयोजनों के द्वारा गीता जयंती महोत्सव में अपनी भागीदारी दी जाती रही है, लेकिन इस वर्ष आनलाईन कार्यक्रम के माध्यम से ही कला परिषद ने इस उत्सव की भव्यता में सहयोग दिया है। गीता जयंती के मौके पर हरियाणा कला परिषद द्वारा नाटक द्रोपदी-कटार शब्दों की मंचित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन विकास शर्मा ने किया। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने गीता जयंती की बधाई देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र की भूमि पर दिए गए गीता रुपी संदेश से मानव जीवन को कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि गीता सनातन धर्म की धरोहर है। संसार रूपी माया वृक्ष को छेदकर हर संकट और द्वंद्व से मुक्ति पाने के लिए यह एकमात्र अस्त्र है। गीता के मार्ग पर चलने से न केवल जीवन में परिवर्तन आता है, बल्कि मानव को एक नई दिशा भी मिलती है। कार्यक्रमों के संदर्भ में संजय भसीन ने कहा कि हरियाणा कला परिषद का उद्देश्य सदैव कला का विस्तार करते हुए प्रदेश की संस्कृति को जन जन तक पहुंचाने का रहा है। जिसकी पूर्ति में गीता जयंती के अवसर पर नाटक द्रोपदी कटार शब्दों की मंचित किया गया।
डा. अजय गर्ग के लेखन तथा अनिल मिश्रा के संगीत से सजे नाटक का निर्देशन अंकुश शर्मा द्वारा किया गया। एकल अभिनय पर आधारित नाटक में अभिनेत्री खुशी गर्ग ने द्रोपदी के मन की पीड़ा को बखूबी दिखाया। नाटक में महाभारत समय के प्रसंगों को वर्तमान से जोड़ते हुए नारी की व्यथा को दिखाने का प्रयास किया गया। संगीतमय प्रस्तुति में जहां अलग अलग भावों का समावेश किया गया, वहीं महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने का संदेश भी दिया गया। नाटक में कृष्ण, अर्जुन, दुर्योधन, आदि पात्रों के साथ वार्ता को उम्दा ढंग से प्रस्तुत किया गया।
वहीं नाटक को सार्थक करते हुए द्रोपदी कहती है कि वह महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपने शब्दों की कटार को धार लगाती रहेगी। नाटक में एक ओर जहां अभिनेत्री खुशी गर्ग का अभिनय दमदार रहा, वहीं नाटक के संगीत ने भी प्रस्तुति को जीवंत बनाया। नाटक के अंत में कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने गीता जयंती की बधाई दी तथा सभी का आभार व्यक्त किया।