Friday, November 22, 2024
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चुनाव अभियान में सुधा प्रेम और मतदान से चंद घंटे पहले डीडी की सुध के मायने क्या होंगे ? इंतजार 4 जून तक

by Newz Dex
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वरिष्ठ भाजपा नेता जयभगवान शर्मा डीडी से मिलने पहुंचे भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल

एनडी हिंदुस्तान संवाददाता

कुरुक्षेत्र। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं 2014 में पिहोवा विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके ब्राह्मण नेता जयभगवान शर्मा डीडी से मिलने उनके निवास पर भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल शुक्रवार को पहुंचे। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहते हुए डीडी की कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल के साथ तगड़ी केमिस्ट्री रहीं।हालांकि 2014 विधानसभा चुनाव से पहले डीडी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन की थी,जबकि जिंदल मार्च में 2024 में भाजपा में शामिल होने के बाद कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चौथी बार का चुनाव लड़ रहे हैं।

राजनीति के समीकरणों पर नजर रखने वाले इस बार 2014 से पहले वाली डीडी और जिंदल की केमिस्ट्री को मिस कर रहे थे,क्योंकि एक दिन पहले चुनाव प्रचार बंद होने तक जयभगवान शर्मा डीडी प्रचार अभियान में कहीं नजर नहीं आए। इसका बड़ा कारण माना जा रहा था कि भाजपा में शामिल होते ही थानेसर के विधायक सुभाष सुधा एक बार फिर उनके काफी करीब नजर आ रहे थे। हालांकि 2009 से पहले तक सुभाष सुधा भी नवीन जिंदल के काफी करीब थे। वैसे तो राजनीतिक संबंधों के समीकरण अवसर के लिहाज से बनते बिगड़ते रहते हैं। ठीक उसी तरह एक बार फिर सुधा को जिंदल के करीब आने का अवसर मिला,क्योंकि इस समय वे भाजपा में सीनियर और जिंदल नए नेता थे और वर्तमान में सुधा हरियाणा में राज्य मंत्री के ओहदे पर है।

मौके की नजाकत ने जिंदल-सुधा को एक बार फिर करीब लाकर खड़ा कर दिया,जबकि इस परिदृश्य में जयभगवान डीडी दूर नजर आए।जिंदल का प्रचार अभियान करीब दो माह चला।,मगर इसमें डीडी कही नजर नहीं आए। कुछ लोगों ने इसे किलेबंदी का नतीजा बताया। खैर जिंदल चुनाव मैदान में है और इस समय कुरुक्षेत्र का चुनावी रण काफी कांटे का दिख रहा है। वैसे भी चुनाव में एक एक वोट महत्व रखती है और जयभगवान शर्मा डीडी तो 2014 में महज दो माह पहले भाजपा में शामिल होकर पिहोवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़कर करीब 40 हजार वोट हासिल कर चुके हैं।उनकी आज भी पिहोवा,थानेसर और कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के कई इलाकों में विशेषकर ब्राह्मण समाज सहित 36 बिरादरी में ठीकठाक पकड़ है। उनके सुपुत्र रुबल शर्मा हरियाणा में सबसे कम उम्र के सरपंच रह चुके हैं। जिंदल या भाजपा के सिपहसालारों ने उन पर फोकस क्यों नहीं किया ? इसके पीछे की कहानी,भाजपा,जिंदल के करीब, भाजपा के शुभचिंतक और कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के संयोजक तथा सह संयोजक जाने।

अब चुनाव प्रचार अभियान खत्म हो चुका है और चंद घंटे बाद कुरुक्षेत्र सहित हरियाणा की सभी 10 लोकसभा और करनाल विधानसभा सीट के चुनाव के लिए मतदान होना है। इससे पहले शुक्रवार को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी नवीन जिंदल ने डीडी सुध ली और स्वयं मिलने उनके आवास पर पहुंचे। यहां परिवार और उनके समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस दौरान कुछ देर तक डीडी भावुक भी दिखे,उन्होंने जिंदल को अपने मन की बात भी कही,मगर इस मुलाकात से जहां डीडी परिवार और समर्थक काफी उत्साह में हैं,वहीं उन्हें अभी तक जिंदल द्वारा भाव नहीं दिये जाने और चुनाव प्रचार अभियान से परे दिखने की वजह से कुछ आनंदित मोड पर थे,लेकिन जिंदल की डीडी से इस मुलाकात ने इनके आनंद को खंड खंड करने का काम किया है। भाजपा के शुभचिंतक इसे देर आए दुरुस्त आए… बता रहे हैं,जबकि कुछ का कहना है कि खटास का बीज रोपित हो चुका है,इसके ज्यादा सार्थक परिणाम नहीं होंगे। वही कहा यह भी जा सकता है कि इस मुलाकात के बाद डीडी के पास खोने को कुछ नहीं है। अब 4 जून को घोषित होने वाले चुनाव परिणाम के दोनों ही पहलू उनके पक्ष में है।दरअसल डीडी ने भाजपा के निष्ठावान सिपाही की तरह जिंदल को सहयोग का वायदा किया है।चुनावी नतीजे सकारात्मक आते हैं तो मुंह में जीत के लड्डू होंगे और नकारात्मक आए तो डीडी समर्थक इसे उपेक्षा का परिणाम कह सकते हैं।

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