लोकसभा में बीजेपी हुई हाफ, विधानसभा में हो जाएगी साफ- हुड्डा
हरियाणा में चल रही पुलिस, प्रोपेगेंडा और पोर्टल की विफल सरकार- हुड्डा
लोकसभा में करारी हार व विधानसभा में सुपड़ा साफ होते देख बीजेपी को याद आए 100 गज के प्लॉट- हुड्डा
बीजेपी ने साढ़े 9 साल लाखों लाभार्थियों को रखा वंचित, कांग्रेस कार्यकाल में अलॉट हुए प्लॉट्स का अब दे रही कब्जा- हुड्डा
कांग्रेस ने गरीब, एससी व ओबीसी परिवारों को बांटे थे करीब 4 लाख प्लॉट, बीजेपी ने बंद की थी योजना- हुड्डा
आरक्षण और पक्की नौकरियों को खत्म कर रही बीजेपी, इसलिए हो रही कौशल निगम के जरिए भर्तियां- हुड्डा
बीजेपी ने फैमिली आईडी और प्रॉपर्टी आईडी पर किया जनता का सैंकड़ों करोड़ रुपया स्वाहा- चौ. उदयभान
16 तारीख से शुरू होंगे कांग्रेस के जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन, फिर होंगे विधानसभा स्तरीय कार्यक्रम- चौ. उदयभान
डा.प्रदीप गोयल/एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
चंडीगढ़।पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी हाफ हो गई है और विधानसभा चुनाव में पूरी तरह साफ हो जाएगी। हुड्डा चंडीगढ़ स्थित आवास पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने पूरे चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण भागीदारी निभाने और कांग्रेस को जिताने के लिए हरियाणा के तमाम मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा , जयप्रकाश और कई विधायक मौजूद रहे ।
हुड्डा ने बताया कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत जबरदस्त तरीके से बढ़ा है। पार्टी को 36 बिरादरी का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है। तमाम राज्यों के मुकाबले हरियाणा में इंडिया गठबंधन को सबसे ज्यादा 47.6 प्रतिशत वोट मिले हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस गठबंधन के वोटों में लगभग 20% की बढ़ोतरी हुई है जबकि भाजपा का वोट 12% घटा है। कांग्रेस ने 46 विधानसभाओं पर जीत दर्ज की है।
लोकसभा सीटों के हिसाब से देंखें तो अंबाला में कांग्रेस को 18.6% ज्यादा तो बीजेपी को 2019 के मुकाबले 11.1% कम वोट मिले हैं। भिवानी में कांग्रेस को 21% ज्यादा तो बीजेपी को 13.8% कम वोट हासिल हुए हैं। फरीदाबाद में कांग्रेस को 20.3% ज्यादा तो बीजेपी को 15.1% कम वोट मिले। गुरुग्राम में कांग्रेस को 11.6% ज्यादा तो बीजेपी को 10.4% वोट कम हासिल हुए हैं। हिसार में कांग्रेस को 33% ज्यादा तो बीजेपी को 7.9% कम वोट मिले। करनाल में भी कांग्रेस का वोट 18% बढ़ा जबकि भाजपा का 15.1% कम हुआ। कुरुक्षेत्र में कांग्रेस गठबंधन के 17.9% वोट बढ़े जबकि बीजेपी के 11% कम हुए। रोहतक में 16.4% वोट बढ़े तो बीजेपी के 11.9% वोट कम हुए। सिरसा में कांग्रेस के 24.7 प्रतिशत वोट बढ़े तो बीजेपी के 17.8% कम हुए। सोनीपत में कांग्रेस के 11.4% वोट बढ़े तो बीजेपी के 5.1 प्रतिशत वोट कम हुए। यहीं रुझान तमाम विधानसभा क्षेत्रों में भी देखने को मिला।इससे जनता के रुझान और राजनीतिक लहर का पता चलता है। हुड्डा ने कहा कि जनता विधानसभा चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रही है ताकि बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस की सरकार बनाई जा सके।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा लोकसभा चुनाव में करारी हार और विधानसभा चुनाव में सुपड़ा साफ होते देख अब बीजेपी को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट की याद आई है। जबकि कांग्रेस सरकार ने इस योजना को शुरू किया था और लगभग चार लाख गरीब, एससी और ओबीसी परिवारों को 100 गज के मुफ्त प्लॉट बांटे गए थे। कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा परिवारों को यह प्लॉट देने की योजना बनाई थी। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आते ही इस योजना को बंद कर दिया। इसी वजह से कांग्रेस द्वारा अलॉट किए गए कुछ प्लॉट्स का कब्जा लाभार्थी परिवारों को नहीं मिल पाया। 10 साल तक बीजेपी ने लाभार्थियों को प्लॉट से वंचित रखा। इस योजना को बंद करके बीजेपी ने 3 लाख से ज्यादा परिवारों से 100-100 गज के प्लॉट का अधिकार छीन लिया। इसके लिए बीजेपी को तमाम गरीब, एससी और ओबीसी परिवारों से माफी मांगनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर इस योजना को फिर से शुरू किया जाएगा और लाभार्थी परिवारों को 100 गज के प्लॉट पर दो कमरे का पक्का मकान बनाकर दिया जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 10 साल भाजपा ने हरियाणा में पुलिस, प्रोपेगेंडा और पोर्टल की सरकार चलाई है। पुलिस के जरिए इस सरकार ने किसानों पर लाठी और गोलियां बरसाई। उन्हें आतंकवादी तक बताया गया। सरकार ने पुलिस के जरिए चुने हुए पंच व सरपंचों और ओपीएस की मांग कर रहे कर्मचारियों को लाठियों से पिटवाया। साथ ही सम्मानजनक वेतन की मांग कर रही आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, मिड डे मील वर्कर और सफाई कर्मियों पर भी पुलिस का कहर टूटा। बीजेपी ने परिवार पहचान पत्र और प्रॉपर्टी आईडी जैसे पोर्टल के जंजाल में जनता को उलझा कर रख दिया। इसमें 90 से 95% तक खामियां पाई गईं। इसलिए कांग्रेस ने ऐलान किया है कि सरकार बनने पर तमाम गैर जरूरी पोर्टल्स को खत्म किया जाएगा।
हुड्डा ने कहा कि बीजेपी लगातार पक्की नौकरियों, एससी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म कर रही है। यही वजह है कि प्रदेश में खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां नहीं की जा रही और कौशल निगम के जरिए इन पदों को भरा जा रहा है। कौशल निगम में ना किसी तरह की पारदर्शिता है, ना मेरिट और ना ही आरक्षण का प्रावधान है। आरक्षण को खत्म करने के लिए ही सरकार ने पिछड़ा वर्ग की क्रीमी लेयर लिमिट को 8 से घटकर 6 लाख कर दिया। इसे लाखों परिवारों का आरक्षण खत्म हो गया। लेकिन कांग्रेस सरकार इसे बढ़कर 10 लाख करेगी ताकि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ मिल सके।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि बीजेपी ने पीपीपी और प्रॉपर्टी आईडी जैसी योजनाओं पर आम जनता का सैंकड़ों करोड़ रूपया स्वाहा कर दिया है और इन पोर्टल्स में बड़े पैमाने पर इसमें धांधलियां पकड़ी गईं है। बावजूद इसके जिन एजेंसियों को यह काम सौंपा गया था, उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। खुद नए मुख्यमंत्री ने भी इस बात को मान लिया है कि साढ़े 9 साल तक प्रदेश में बीजेपी की योजनाएं विफल साबित हुईं। लोकसभा चुनाव में खुद बीजेपी के नए मुख्यमंत्री के बूथ, उनके गांव और उनकी विधानसभा से भी भाजपा बुरी तरह हारी है।
चौधरी उदयभान ने बताया कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद भी लगातार सक्रिय है। अब 16 तारीख से पार्टी के जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे और उसके बाद विधानसभा स्तर पर कार्यक्रम किए जाएंगे। 16 जून को सुबह 11 बजे करनाल और दोपहर बाद 3 बजे कुरुक्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। उसके बाद 21 जून शुक्रवार को सोनीपत और पानीपत, 22 जून को जींद और कैथल, 23 जून को अंबाला, यमुनानगर और पंचकूला के कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे। 28 जून को फरीदाबाद और पलवल, 29 जून को दादरी और भिवानी, 30 जून को नारनौल व रेवाड़ी, 7 जुलाई को नूंह और गुरुग्राम, 13 जुलाई को हिसार, 12 जुलाई को सिरसा और फतेहाबाद, 14 जुलाई को रोहतक और झज्जर जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने बिजली की किल्लत पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जनता लगातार बिजली-पानी की भयंकर किल्लत का सामना कर रही है। चुनाव खत्म होते ही सरकार ने लंबे-लंबे पावर कट लगाने शुरू कर दिए। अब बताया जा रहा है कि प्रदेश को 2000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ेगी। जबकि कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को बिजली उत्पादन में सरप्लस स्टेट बनाया था। लेकिन भाजपा कार्यकाल के दौरान कोई भी नया पावर प्रोजेक्ट स्थापित नहीं हुआ और हरियाणा में एक यूनिट भी नई बिजली पैदा नहीं की गई। इसका खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।