न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,28 दिसंबर।ट्राइब्स इंडिया के आउटलेटों तथा आठवें ‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान में इसकी वेबसाइट में 35 से अधिक नए आकर्षक, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पाद शामिल किए गए हैं। यह अभियान जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड द्वारा 8 सप्ताह पहले शुरू किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य पूरे देश के विभिन्न जनजातीय समूह से कारगर, प्राकृतिक तथा आकर्षक उत्पादों को मंगाना है ताकि इन उत्पादों की पहुंच विभिन्न प्रकार के लोगों तक हो सके।
इस सप्ताह के प्रमुख उत्पादों में तमिलनाडु के मलयाली जनजाति का प्राकृतिक, ताजा, ऑर्गेनिक उत्पाद जाइंट रॉक बी हनी प्रमुख है। यह शहद ज्वार, इमली तथा काली मिर्च के रस से तैयार होता है। मलयाली जनजातीय समूह उत्तर तमिलनाडु में पूर्वी घाट से आता है। उस क्षेत्र में इनकी आबादी लगभग 3,58,000 है और सबसे बड़े जनजातीय समूह हैं। जनजातीय लोग सामान्य रूप से पर्वतीय किसान हैं और विभिन्न प्रकार के ज्वार उत्पादन करते हैं।
जनजातीय समूह से प्राप्त अन्य उत्पादों में आकर्षक बारीक मालों से बने जेवर (मुख्यतः गले की शोभा वाले) हैं जिसे मध्य प्रदेश के पतेलिया जनजातीय लोग तैयार करते हैं। इन लोगों का मुख्य आधार कृषि है लेकिन झाबुआ के दस्तकारों द्वारा बनाए गए सुंदर रंगीन जेवर उनकी असाधारण दस्तकारी दिखाते हैं। अन्य उत्पादों में जैविक दाल और मसाले हैं जो गुजरात के वसावा जनजातीय लोगों से प्राप्त हुए हैं। अन्य उत्पादों में शहद, जैम तथा झारखंड के खरवार तथा ओराव जनजातीय लोगों द्वारा उपजाए गए दो विशिष्ट प्रकार के चावल तथा झारखंड के आदिम जनजातीय लोगों तथा लोहरा जनजाति द्वारा तैयार उत्पाद (चकला और बेलन) तथा धातु की बनी जालियां हैं।
पिछले सप्ताह प्राप्त सभी नए उत्पाद ट्राइब्स इंडिया के 125 आउटलेटों, ट्राइब्स इंडिया मोबाइल वैन तथा ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केट प्लेस (tribesindia.com) तथा ई-टेलर्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर उपलब्ध हैं। भारत का सबसे बड़ा दस्तकारी और ऑर्गेनिक मार्केट प्लेस – ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केट प्लेस – हाल में लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य 5 लाख जनजातीय उद्यमों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना, उनके जनजातीय उत्पादों और दस्तकारियों को दिखाना है ताकि देशभर के उपभोक्ताओं तक पहुंच सकें।
अनेक प्रकार के प्राकृतिक और स्थायी उत्पादों के साथ ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केट प्लस हमारे जनजातीय भाइयों की सदियों पुरानी परम्पराओं को दिखाता है। market.tribesindia.com पर जाएं। बाई लोकल बाई ट्राइबल!