Saturday, April 26, 2025
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सरस्वती नदी के किनारे पर स्थित सभी गांवों में बनेंगे सरस्वती सरोवर व घाट:धुमन

by Newz Dex
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लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए पौंड सिस्टम स्थापित करके पानी को किया जा सकता है साफ

सरस्वती नदी के कारण क्षेत्र के भूजल स्तर में हुआ सुधार

गांव कौलापुर में आयोजित रीचार्जिंग अर्थ कॉन्क्लेव कार्यक्रम में उपाध्यक्ष धुमन सिंह ने की शिरकत

गांवों में थ्री व फाईव पौंड स्थापित करवाने के लिए सरंपचों से की अपील

एनडी हिंदुस्तान संवाददाता

कुरुक्षेत्र।हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि इस बार मानसून सीजन में बाबैन क्षेत्र में करीब 2 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी को रिचार्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ-साथ सरस्वती के किनारे सभी गांवों में फाईव पौंड सिस्टम स्थापित किए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी को रिचार्ज किया जा सके। अहम पहलू यह है कि सरपंचों से अपील की गई है कि लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (एलडब्लयूएम) के माध्यम से गांव को जो गंदा पानी है, उसको थ्री व फाइव पौंड सिस्टम के माध्यम से साफ करके सरस्वती नदी में डाला जाए ताकि सरस्वती नदी को साफ रखा जा सके।

उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच बुधवार को गांव कौलापुर के पंचायत भवन में हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड और राष्ट्रीय पारिस्थितिकी पर्यावरण उत्तरदायित्व (नीर) के सहयोग से आयोजित रीचार्जिंग अर्थ कॉन्क्लेव में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उपाध्यक्ष ने कहा कि सरस्वती नदी के फिर से धरती पर बहने से बहुत से क्षेत्र को फायदा हुआ है। अब क्षेत्र के भूजल स्तर में भी सुधार हुआ है और पानी का लेवल नीचे जाने की बजाए अब स्थिर है और इससे खेती के कार्य में काफी फायदा हुआ है। बाबैन क्षेत्र के सभी किसानों से अपील की गई है कि वह अपने गांव के तालाबों में थ्री व फाईव पौंड सिस्टम लगाकर साफ पानी ही सरस्वती नदी में डाले, जिससे की यह पवित्र नदी गंदी ना हो।

उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी सभी के लिए एक वरदान साबित हुई है, किसानों के साथ-साथ आमजन को भी इससे काफी फायदा हुआ है। पहले जहां लगातार भूजल स्तर नीचे गिर रहा था और मानसून के सीजन में बरसाती पानी रिहायशी क्षेत्र में काफी नुकसान पहुंचाता था, उस समस्या का अब काफी हद तक समाधान निकल चुका है। सरस्वती नदी के कारण अब जहां किसानों को सिंचाई के लिए चैनल के माध्यम से पानी उपलब्ध हो रहा है, वहीं बरसाती पानी के सरस्वती नदी में जाने से बाढ़ की समस्या भी समाधान हो सका है। उन्होंने कहा कि पंचायतों की मांग पर गांवों में सरस्वती के किनारे सरस्वती सरोवरों व घाटों का निर्माण करवाया जा रहा है।

रीचार्जिंग अर्थ कॉन्क्लेव में पहुंचे सरपंचों ने बताया कि जब से सरकार द्वारा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की स्थापना की गई है, तब से उपाध्यक्ष धुमन सिंह के दिशा-निर्देशन में काफी काम किया जा रहा है। गांव को जो गंदा पानी व्यर्थ में ही बह जाता था, उसे थ्री व फाईव पौंड सिस्टम के माध्यम से साफ करके सरस्वती नदी में पहुंचाया जा रहा है। यह नदी क्षेत्र वासियों के लिए एक वरदान है। पहले जहां खेतों के टयूबवैल बोर में 10 से 12 फीट पाईप हर वर्ष डालने की जरुरत पड़ती थी, अब यह पिछले 2 वर्ष से डालने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। इसका सबसे बड़ा कारण सरस्वती नदी के माध्यम से पानी को रिचार्ज करके भूजल में सुधार करने की वजह से हुआ है। इस मौके पर सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता अरविंद कौशिक गांव कौलापुर, रामपुरा, बिंट, बिहोली, भगवानपुर, उंटशाल, कसीथल, ईशरगढ़ आदि गांवों के सरपंच मौजूद थे।

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