हरियाणा कमेटी की अलग पहचान बनाने के लिए एकजुटता से यतनशील हैं पदाधिकारी : जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध
दबाने के लिए अनेक यातनाएं दी गई संघर्षशील सिखों को : कवलजीत सिंह अजराना
जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने भी संघर्षशील दिनों को किया याद
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
पंचकूला । लंबे संघर्ष के बाद अस्तित्व में आई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपना दसवां स्थापना दिवस बड़े श्रद्धाभाव एवं हर्षोल्लास से ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही दसवीं नाडा साहिब में मनाया। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग रविवार सुबह पाए गए, जिसके उपरांत दरबार साहिब के गुरमत समागम हुआ। समागम में श्री दरबार साहिब के हजूरी रागी , ढाडी जत्थों ने संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा। समागम में विशेष तौर पर हरियाणा कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैंबर सर्वजीत सिंह विर्क, भूपिंदर सिंह गिन्नी, धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, स्पोकसमैन कवलजीत सिंह अजराना, हरियाणा कमेटी के लिए संघर्ष करने वाले जरनैल सिंह अजराना, चढ़दीकलां टाईम टीवी के चेयरमैन से पदम्श्री जगजीत सिंह दर्दी, अमृतपाल सिंह, वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल, कनिष्ठ उपप्रधान बीबी रविंदर कौर अजराना, महासचिव सुखविंदर सिंह मंडेबर, संयुकत सचिव गुलाब सिंह मुनक, कार्यकारिणी समिति मैंबर टीपी सिंह, तजिंदरपाल सिंह, सुदर्शन सिंह गावड़ी, मैंबर हरभजन सिंह राठौर, परमजीत सिंह माखा, अंग्रेस सिंह गुराया, साहब सिंह चक्कू, भूपिंदर सिंह बिंद्रा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी के मैंबर करनैल सिंह पंजौली, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के धर्म प्रचार प्रभारी मनजीत सिंह भोमा, हरियाणा कमेटी की पूर्व मैंबर बलजिंदर कौर, स्वर्ण सिंह रतिया, सोहन सिंह, गुरजीत सिंह, सिख नेता नरेंद्र सिंह गिल, पूर्व महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा समेत एचएसजीएमसी की लड़ाई लडऩे वाले सज्जन एवं भारी गिनती में संगत मौजूद रही।
जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने हरियाणा कमेटी के लिए संघर्ष करने वालों का आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश की अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का संघर्ष लंबे समय तक चला है। बड़ी मुश्किलों के बाद अस्तित्व में आई हरियाणा कमेटी की अलग पहचान बनाने के लिए हम सब को एकजुटता से यतनशील हैं। उन्होंने प्रदेश की संगत से भी संस्था का साथ देने का आह्वान किया। हरियाणा कमेटी के लिए जेल काटने वाले एवं तत्कालीन युवा नेता कवलजीत सिंह अजराना ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए संगत से संघर्ष के दौरान सही गई यातनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्हें दबाने के लिए सरकार एवं शिरोमणिअकाली दल ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाएं, लेकिन प्रदेश के सिखों को उनका अधिकार दिलाने का उनका दृढसंकल्प एवं समर्थकों के साथ ने ही आज यह दिन दिखाया है।
अपने नेतृत्व में हरियाणा कमेटी की लड़ाई को ओर भी तेज करने वाले एचएसजीएमसी में बतौर चेयरमैन धर्म प्रचार की कमान संभाल रहे जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने भी संघर्षशील दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल बादल कभी भी हरियाणा की अलग कमेटी बनने देना नहीं चाहते थे। मगर इसके बावजूद हरियाणा का उसका अधिकार दिलाने का जनून लेकर संघर्षशील सदस्यों ने अपना हक लेने का पूरा मन बना लिया था। लंबी लड़ाई लडऩे के बाद साल २०१४ में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अस्तित्व में आई और फिर सुप्रीम कोर्ट में केस जाने से मसला एक बार दोबारा उलझ गया। परंतु गुरु साहिब की कृपा से हरियाणा कमेटी को देश की सर्वोच्च अदालत ने भी मान्यता देकर हरियाणा के सिखों का मान बढ़ाया।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए संघर्षरत रहे सिख भाईयों को इस समागम में संस्था के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, स्पोकसमैन कवलजीत सिंह अजराना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन सिंह सहगल, महासचिव सुखविंदर सिंह मंडेबर ने सिरोपा व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस दौरान प्रधान जत्थेदार असंध को भी संस्था की लड़ाई में सहयोग करने के लिए सम्मानित किया गया, जबकि हरियाणा की अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लड़ाई को लेकर सुर्खियों में रहे जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल को भी प्रधान साहिब व अन्य पदाधिकारियों ने सम्मानित किया। इस मौके पर हरियाणा कमेटी के चीफ सैकेटरी जसविंदर सिंह दीनपुर, धर्म प्रचार सचिव सरबजीत सिंह जम्मू, एडिशनल सैकेटरी सतपाल सिंह, राजपाल सिंह दुनियामाजरा, उप सचिव रूपिंदर सिंह, अमरिंदर सिंह, कुलदीप सिंह भानोखेड़ी, निजी सचिव बलजीत सिंह चट्ठा, आईट विंग के प्रभारी हरकीरत सिंह, मैनेजर रणजीत सिंह समेत अनेक गुरुद्वारा साहिबान के मैनेजर मौजूद रहे।