न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । प्राचीनकाल से ही भारत में गुरु और शिष्य की महान् परंपरा रही है। इस सृष्टि में भगवान शिव को प्रथम गुरु माना गया है।भगवान् शिव के बाद गुरु दत्तात्रेय को सबसे बड़ा गुरु माना गया है। यह परंपरा आदिकाल से वर्तमान काल तक अनन्त है।
इसी प्राचीन गुरु परम्परा का पालन करते हुए आज आषाढ पूर्णिमा के पावन दिन गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में गीता निकेतन आवासीय विद्यालय में गुरु वन्दन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। मुख्यातिथि के रूप में विद्या भारती हरियाणा प्रान्त के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रान्त शैक्षिक प्रमुख श्री शेषपाल जी, प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख श्री सुधीर कुमार जी, गीता विद्या मंदिर मोहन नगर के प्राचार्य श्री यशपाल वधवा जी एवं गीता निकेतन विद्या मंदिर सेक्टर 3 के प्राचार्य श्री सुमित जी उपस्थित रहे।
सरस्वती वन्दना के उपरांत अष्टमी कक्षा के भैया-बहनों ने वैदिक मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए षष्ठी कक्षा से वेणुगोपाल,याशी,तनिष्का,लीवजोत, दीपाली एवं रुहानी इत्यादि अनेक छात्रों ने मधुर कविता,कथा, सुभाषित व प्रसंग सुनाए।
सप्तम कक्षा से पारुल एवं परी ने समूह गान के माध्यम से सभी गुरुओं का अभिनंदन किया। अष्टमी कक्षा से रिशिमा,प्रणव और समरजीत ने दोहे प्रस्तुत किए।नवमी कक्षा से समृद्धि ने ‘गुरवे नमो नम:’ समूह नृत्य से और दसवीं कक्षा से खुशबू एवं नमिता ने गुरुओं का वंदन करते हुए एक सुन्दर भजन प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्राचार्य श्री नारायण सिंह ने अतिथि महानुभावों का परिचय देते हुए व्यास पूर्णिमा एवं गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं प्रदान की। सभी विद्यार्थियों ने अपने गुरुजनों का चंदन तिलक,पुष्प माला ,चरण स्पर्श और पुष्प वर्षा से अभिनंदन किया। अतिथि महानुभावों ने प्रसन्न एवं उदार हृदय से सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य उपस्थित रहे। शांति मंत्र के द्वारा कार्यक्रम संपन्न हुआ।