अपनी वर्तमान जीवनशैली को छेड़े बिना कोई भी व्यक्ति साधना का मार्ग अपना सकता हैः गुरु सकलअमा
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
चंडीगढ़। प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु व लेखिका गुरु सकलअमा की पुस्तक ’मैसेजस फ्रॉम हिमालयन सेजेसः टाइमली एंड टाइमलेस’ का विमोचन पंजाब कला भवन सेक्टर 16 में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य सभा सदस्य पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल तथा एक्टर गुरप्रीत सिंह घुग्गी मौजूद रहे।इससे पूर्व परम्परागत रूप से संगीत के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान गुरु सकलअमा के साथ राज्य सभा सदस्य पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल तथा हास्य कलाकार गुरप्रीत सिंह घुग्गी, आर्किटेक्ट एवं आर्टिस्ट करन बाजवा, प्रदीप राव, गौरवप्रीत सिंह, पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सैनिक वेलफेयर पंजाब कर्नल पी एस बाजवा(सेवनिर्वित),पंजाब की ज्वाइंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन कम डिप्टी कमिश्नर स्टेट टैक्सेस राजविंदर कौर बाजवा व अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
गुरु सकलअमा हिमालय के स्वामी रामा की शिष्या हैं, जिन्होंने 30 वर्ष पूर्व श्री विद्या परंपराओं में गुरु सकलअमा को दीक्षित किया था। श्री विद्या परंपरा श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक चेतना को पार करके उन्हें परम वास्तविकता से जोड़ने का प्रयास करती है।इस अवसर पर गुरु सकलअमा ने अपनी पुस्तक के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा लिखित पुस्तक ’मैसेजस फ्रॉम हिमालयन सेजसः टाइमली एंड टाइमलेस’ उनके अनुभवों का विवरण है, जिसे सरल शब्दों में पिरोया गया है जिसमें बताया गया है कि आध्यात्मिक विकास कोई रॉकेट साइंस नहीं है इसे श्री विद्या का पालन करके प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए किसी को अपने सांसारिक कर्तव्यों का त्याग करके दूर जाके तपस्या करने की आवश्यकता नहीं है। गुरु सकलअमा ने बताया कि पुस्तक के पीछे का विचार आध्यात्मिकता को रहस्य से मुक्त करना और इसे न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में हर घर तक पहुंचाना है। यह पुस्तक धर्म, जाति, नस्ल, रंग और भौगोलिक सीमाओं से परे सभी के लिए अध्यात्म के मार्ग को आसान बनाती है।
उन्होंने बताया कि पुस्तक यह संदेश देती है कि अपनी वर्तमान जीवनशैली को छेड़े बिना कोई भी व्यक्ति साधना का मार्ग अपना सकता है और उन मानसिक सीमाओं से ऊपर उठ सकता है जो वर्तमान अस्वस्थ जीवनशैली के लिए जिम्मेदार हैं।गुरु सकलअमा ने कहा कि प्रदीप राव ने इस पुस्तक के अंग्रेजी संस्करण के प्रकाशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे शुरू से ही इस विषय पर लगातार काम कर रहे हैं और कन्नड़ से अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली टीम के महत्वपूर्ण सदस्यों में से एक हैं।
गुरु सकलअमा ने बताया कि यह पुस्तक हिमालय के ऋषियों के ज्ञान और शिक्षाओं पर प्रकाश डालती है, तथा प्राचीन प्रथाओं और समकालीन समय में उनकी प्रासंगिकता के बीच संबंध स्थापित करती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक अमेजाॅन पर उपलब्ध रहेगी।इस अवसर पर राज्य सभा सदस्य पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल तथा एक्टर गुरप्रीत सिंह घुग्गी ने इस पुस्तक की सराहना व्यक्त करते हुए सभी को इस पुस्तक को पढ़ने की अपील की।
इस अवसर पर आर्किटेक्ट और एक कुशल आर्टिस्ट करण बाजवा ने एक सहज कला प्रदर्शन किया , जिसमें गुरु सकलामा ने अपने जीवन के एक मार्मिक क्षण का वर्णन किया, जिसे करण बाजवा ने बिना किसी पूर्व सूचना के पांच मिनट में कैनवास पर कुशलतापूर्वक बनाया । इस प्रदर्शन से उनकी उल्लेखनीय प्रतिभा और विषय के साथ गहन जुड़ाव प्रदर्शित हुआ । इसके अलावा, एक प्रोडक्शन, ’द गाइडिंग ड्रीमः ए जर्नी विद सेज दुर्वासा’ ने गौरवप्रीत सिंह बाजवा के असाधारण अनुभव को दर्शाया – दरअसल गौरवप्रीत ने एक ज्वलंत और परिवर्तनकारी सपने में महान ऋषि दुर्वासा का सामना किया था, जिसे प्रोडक्शन में दिखाया गया ।गौरवप्रीत गुरु सकलअमा के शिष्य हैं। गुरु सकलअमा द्वारा परिकल्पित और डिजाइन किए गए अलौकिक ’मिस्टिक मून सैल्यूटेशन’ (चंद्रकला नमस्कार) को भी गौरवप्रीत द्वारा प्रदर्शित किया गया ।गौरवप्रीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित योग प्रतिपादक भी हैं।कार्यक्रम के अंत में करण बाजवा और गौरवप्रीत सिंह बाजवा को गुरु सकलअमा ने उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।