कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा आयोजित राष्ट्र रक्षा संवाद कार्यक्रम संपन्न
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
कुरुक्षेत्र। भारतीय संस्कृति, क्षमा और साहस की भूमि है। यह देश और इसका इतिहास दुनिया के लिए उल्लेखनीय और प्रेरणादायक है। भारतीय आदिकाल से सबसे कठिन दृश्यों से गुज़रे हैं और फिर भी अपना गौरव बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। हमारे सैनिकों ने कई लड़ाइयां लड़ी हैं और उनमें जीत हासिल की है। ऐसा ही एक यादगार युद्ध है कारगिल। इस भूमि को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करने के लिए 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है। यह वह दिन है, जब भारतीय सैनिकों ने कारगिल की ऊंची चोटियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर राष्ट्र की रक्षा की थी।
यह विचार कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा आयोजित राष्ट्र रक्षा संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ भारत माता पूजन एवं वीर शहीदो को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुआ। मातृभाषा शिक्षा मंदिर के विद्यर्थियों ने राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण कविताएं एवं गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में राजकीय कन्या महाविद्यालय पलवल कुरुक्षेत्र के शारीरिक शिक्षा विभाग के डा. राजवीर सिंह अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा आज का दिन हमारे देश के लिए गौरव का दिन है। कारगिल युद्ध कठिन परिस्थितियों में लड़ा गया था। कड़ाके की ठंड, दुर्गम भूभाग और पाकिस्तानी सेना का मजबूत किला – इन सब चुनौतियों का सामना करते हुए हमारे वीर जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया। उन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। आज के दिन, हम उन शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हमें आजादी का सुख दिया। हम उनके परिवारों के प्रति भी अपना सम्मान व्यक्त करते हैं। साथ ही, उन बहादुर सैनिकों को भी सलाम करते हैं जिन्होंने युद्ध में वीरता दिखाई और देश की रक्षा की।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा 25 साल पहले भारत के वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सैनिकों के मंसूबों को पस्त करते हुए कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहराया था। 26 जुलाई 1999 का वो दिन हर भारतवासी के लिए गर्व का दिन था। गर्व से भरे इस दिन को तभी से हम कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। 26 जुलाई की ये तारीख इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि इसी दिन ऑपरेशन विजय भी सफल हुआ था।इस ऑपरेशन में भारतीय सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर स्थित कारगिल के उन इलाकों पर दोबारा फतह हासिल की जो, जिन पर पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ कर कब्ज़ा कर लिया था।
कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम हमेशा अपने देश के लिए समर्पित रहेंगे। अपने राष्ट्रध्वज का सम्मान करेंगे और शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि डा. राजवीर सिंह ने कहा कारगिल विजय दिवस प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव एवं आत्मसम्मान का दिन है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। कार्यक्रम का संचालन मास्टर बाबूराम ने किया। कार्यक्रम में आश्रम के विद्यार्थी, सदस्य एवं अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।