दूनिया आयुर्वेद को अपनाने के लिए लालायित- प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के सभागार कक्ष में शनिवार को आयुर्वेद संहिता एवं सिद्धांत विभाग का टीचर्स कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसका शुभारंभ मुख्यातिथि कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान द्वारा भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया। डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स डॉ. जेके पंडा ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों से उपस्थित शिक्षकों का स्वागत किया और कहा कि यह कार्यशाला आयुर्वेद के सभी 14 विषयों को लेकर हर शनिवार को आयोजित की जाती रहेगी। कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य आयुर्वेदिक चिकित्सा में अध्यापन कार्य से जुड़े शिक्षकों को उनके विषयों एवं तकनीकी ज्ञान में नवीनतम प्रगति, सामान्य कार्य पद्धति,लेखन कौशल एवं अनुसंधान में बेहतर प्रदर्शन का मौका प्रदान करना है। दरअसल भारत सरकार को नए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भी चिंता है कि क्या वह ग्रेजुएट होने के बाद अच्छे डॉक्टर बन पाएंगे। उसी दृष्टि के तहत यह कार्यशाला रखी गई है। उन्होंने कहा कि आज दूनियां आयुर्वेद को अपनाने के लिए लालायित है मगर हमारी तैयारी भी वैसी होनी चाहिए। इसके लिए विषय के मूलाधार को समझेंगे तो निश्चित रूप से आयुर्वेद विश्व की श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति होगी। इसके लिए अभिनव विचार, अभिनव शिक्षण पद्धति, नवाचार एवं वैज्ञानिक अनुसंधान पद्धति अपनाने की आवश्यकता है। प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने कहा कि यह कार्यशाला एक अवसर है विषय में प्रवीण होने का। अगर विषय को वैज्ञानिक और उपयोगिता के साथ जोड़ते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है। इसलिए निरंतर नवीन ज्ञान और अभिनव शिक्षण पद्धति से जुड़े रहें। प्रथम दिन की कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के तौर पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के प्रो. डॉ. असित कुमार पंचा और दिल्ली चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक सिद्धांत के सहायक प्रो. डॉ. संतोष एसआर नायर रहे। इस अवसर रिसर्च इनोवेशन विभाग के निदेशक डॉ. अनिल शर्मा, कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कृष्ण कुमार, सदस्य डॉ. लसिथा आदि उपस्थित रहे।