मुख्यमंत्री ने एक ही घोषणा से 46 लाख परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया
नायब सरकार के एक ही कलम से 1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का फैसला हरियाणा की कैबिनेट ने लिया
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
चंडीगढ़।नायब सरकार अब लगभग हर रोज कोई न कोई कल्याणकारी घोषणा कर विपक्ष के हाथों से मुद्दे छीन रही है। बल्कि यह कहना भी ग़लत नहीं होगा कि नायब सैनी सरकार की हर घोषणा विपक्ष पर वार की तरह है। अब ये घोषणाएं ही भाजपा नेताओं में यह विश्वास भर रही है कि तीसरी बार भी भाजपा सरकार बना लेगी। हालांकि चुनाव में अभी पर्याप्त समय है, लेकिन फिर भी भाजपा और कांग्रेस आमने सामने दिखाई दे रही हैं। ये बात ठीक है कि पिछले एक सप्ताह में नायब सरकार की कल्याणकारी घोषणाओं ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेला है, लेकिन कांग्रेस भी हर दांव खेलकर सत्ता की दौड़ में बने रहना चाहती है और उसके लिए हुड्डा परिवार अपनी पूरी ताकत लगाए हुए है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बताई चारों जातियों (गरीब, युवा, किसान और महिला) को साधने में जुटे हैं। एक सप्ताह में इसका असर दिखाई दिया भी है। पहले मुख्यमंत्री ने किसान हित की घोषणा की और फिर तीन दिन बाद पांडू-पिंडारा की धरती जींद से बुधवार को 30 हजार से ज्यादा माताओं-बहनों के लिए घोषणाओं का एक पिटारा खोला और फिर अगले ही दिन गुरुवार को एक लाख से अधिक कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की घोषणा कर डाली। अब ये घोषणाएं प्रदेश में लाखों लोगों के चेहरों पर तो मुस्कुराहट ला ही रही है, भाजपा नेताओं के तीसरी बार सरकार में आने के विश्वास को भी बल दे रहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने एक ही घोषणा से 46 लाख परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया। विवाह शगुन की राशि को 41 हजार से बढ़ाकर 71 हजार कर दिया। यहां उन्होंने 3 लाख किशोरियों और छात्राओं को फ्री सेनेटरी पैड देने का भी ऐलान किया। उज्जवला योजना में जिस भी परिवार को कनेक्शन मिला है उन सभी को गैस का सिलेंडर अब 500 रुपये में मिलेगा। इन बड़ी घोषणाओं से माता और बहनों को मुख्यमंत्री ने बड़ी राहत देने का काम किया।
ठीक चार दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कुरुक्षेत्र में किसान की हर फसल का दाना-दाना एमएसपी पर खरीदने का ऐलान किया था। मोटर और ट्रांसफार्मर से जुड़ी किसानों की समस्याओं का उन्होंने एक ही लाइन में हल किया। हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया जहां अब हर फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी।
लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातिवादी ताकतों को चुनौती देते हुए कहा था कि उनके लिए देश में सिर्फ चार जातियां हैं, युवा, महिला, गरीब और किसान। आचार संहिता हटने के महज 2 महीने के अंदर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इन चारों जातियों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार का खजाना खोल दिया है। अक्टूबर में चुनाव होने हैं और उससे पहले मुख्यमंत्री ने यह जाहिर कर दिया है कि हरियाणा लोक कल्याणकारी राज्यों में देश में सबसे प्रथम है।
लोकसभा चुनावों की आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री ने कोर्ट में फंसी सभी भर्तियों को सुलझाने पर तेजी से काम किया। लंबे टाइम से अटकी हुई 7471 टीजीटी की भर्ती को क्लियर करवाया। हरियाणा सरकार 1 लाख 40 हजार युवाओं को मेरिट पर नौकरी दे चुकी है और यह अभियान लगातार जारी है। चौथी जाति गरीब को साधने के लिए उनके कल्याण की सभी योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। रजिस्ट्री सहित गरीबों को 100 गज के प्लॉट देकर मुख्यमंत्री ने जाहिर किया कि उनकी सरकार में गरीब की चिंता सबसे पहले है।
एक तरह से नायब सिंह सैनी ने सभी चार जातियां गरीब, युवा, महिला और किसान की तात्कालिक सभी समस्याओं को एक कलम से खत्म करने का काम किया है। इससे पहले उन्होंने सरपंचों के खर्च करने की राशि को 21 लाख करके सरपंचों का दिल जीतने का काम किया। इन सभी वर्गों के लिए लोक कल्याणकारी योजनाओं की न सिर्फ घोषणा करके बल्कि युद्ध स्तर पर उन्हें लागू करके नायब सिंह सैनी ने चुनौती पेश कर दी है कि भाजपा तीसरी बार इन चारों जातियों के भरपूर समर्थन से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी ने साफ किया था कि जैसे ही आचार संहिता हटेगी वो अपने कार्यक्रमों पर अगले घंटे से ही लग जाएंगे। कांग्रेस के पिता-पुत्र जिन योजनाओं के बारे में सोच भी नहीं पा रहे थे या फिर अपने घोषणा पत्र में वादे करने वाले थे, उन सभी मुद्दों को नायाब ने महज दो महीने में लागू करके कांग्रेस के सामने एक बड़ी राजनीतिक चुनौती रख दी है। एक हजार किलोमीटर तक गरीबों को रोडवेज की फ्री यात्रा भी इन योजनाओं की कड़ी में महत्वपूर्ण है।
हरियाणा में जितने भी राजनीतिक और सामाजिक समूह हैं, उनसे लगातार मुख्यमंत्री मिल रहे हैं और तेजी से उनकी मांगों पर काम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने पंचकूला में एक कार्यक्रम में कहा कि हमें कांग्रेस के फेक नैरेटिव से लड़ना है और तेजी से लोक कल्याण के काम करने हैं। सिखों की नाराजगी को लेकर के जो एक फेक नैरेटिव फैलाया गया था, उसके लिए मुख्यमंत्री सैनी ने सिख समाज के सभी अलग-अलग समूह से मुलाकात की और उनकी सभी मांगों को मानते हुए उनसे तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने के लिए जीत का आशीर्वाद ले लिया है।
नायब सिंह सैनी की जो काम करने की गति है, उससे विपक्ष भी हैरान और परेशान है। जिन मुद्दों को उठाकर वो चुनाव में जाना चाह रहे थे, लोगों के बीच में जाने की सोच रहे थे, उन सब का समाधान आचार संहिता लगने से डेढ़-दो महीने पहले ही नायब सैनी ने कर दिया है। कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में मुख्यमंत्री सैनी ने आह्वान भी किया था कि कांग्रेस का प्रोपेगेंडा पराजित हो रहा है। हमें समाज के हर वर्ग के लिए जुट कर काम करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो रास्ता तय किया है, समाज की जिन चार जातियों का जिक्र वो लगातार अपने चुनाव अभियानों में कर रहे हैं, उन सब को साधने का सफल प्रयास नायब सिंह सैनी ने किया है। नायब सैनी ने एमएसपी का तोहफा देकर किसानों को साधा, सस्ता सिलेंडर देकर महिलाओं को साधा, मेरिट पर धड़ाधड़ रोजगार देकर युवाओं को साधा और 100 गज के प्लाट और रोडवेज की फ्री यात्रा देकर गरीबों को साधा। एक ही कलम से सवा लाख परिवारों को साधा।
नायब सरकार के एक ही कलम से 1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का फैसला हरियाणा की कैबिनेट ने लिया है। आउटसोर्सिंग और एचकेआरएन के तहत लगे कर्मचारियों को इसका सीधा फायदा होगा। इन कर्मचारियों को पे स्केल का बेसिक वेतन मिलेगा, सालाना वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी और रिटायरमेंट के उम्र तक अब उनकी नौकरी पक्की होगी। 2 करोड़ 80 लाख की आबादी वाले हरियाणा प्रदेश में 1 लाख 20 हजार परिवारों को एक ही फैसले से बड़ी राहत देना, आने वाले समय में राजनीतिक लिहाज से भी लाभकारी सिद्ध होगा। देश के बड़े राज्यों में भी कभी एक साथ इतने बड़े पैमाने पर कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया गया।