आयुष विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाई गई चरक जयंती।
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में शुक्रवार को चरक जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान द्वारा महर्षि चरक की प्रतिमा की पूजा-अर्चना एवं माल्यार्पण के साथ किया। इसके साथ महर्षि चरक की वंदना भी की गई। आयुर्वेद संहिता एवं सिद्धांत विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों द्वारा इस अवसर पर संहिता पाठ किया गया। कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को चरक जयंती की बधाई दी और कहा कि महर्षि चरक आयुर्वेदिक चिकित्सा विज्ञान के आदि प्रवर्तक हैं उनके द्वारा चरक संहिता को प्रति संस्कृत किया गया। चरक संहिता में गंभीर बीमारियों और उनके उपचार के बारे में जानकारी होने के अलावा भारत की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के बारे में भी जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा विज्ञान भारत देश के मनीषियों द्वारा दी गई बहुमूल्य देन है जो श्रुति ज्ञान के रूप में हजारों वर्षो से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है मगर उसे कलमबद्ध महर्षि अग्निवेश के द्वारा किया गया। चरक संहिता का एक-एक श्लोक अनुसंधान का विषय है बकायादा उसके मूल अर्थ में ही उसे पढ़ा जाए। इस अवसर प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने कहा कि महर्षि चरक एक चिकित्सक होने के साथ-साथ महान दार्शनिक और वैज्ञानिक थे। दरअसल महर्षि चरक एक संकल्प है, प्रयोग है जिसे सकारात्मक बनाने पर विद्यार्थियों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महर्षि चरक द्वारा लिखित चरक संहिता की उपादेयता वर्तमान में भी बनी हुई है उसके तीन कारण है एक उसकी उपयोगिता, वैज्ञानिकता और उसका युगानुरूप होना। चिकित्सक उसके वाहक है उसे प्रोयग में कैसे लाया जाए ये हमें देखना होगा। चरक जयंती पर पोस्टर और लघु वीडियो प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। पोस्टर मेकिंग में बीएएमएस सेकंड की प्रगति प्रथम, विभोर द्वितीय और एमडी प्रथम वर्ष की छात्रा खुशी तृतीय स्थान पर रही। इसके साथ लघु फिल्म प्रतियोगिता में बीएएमएस सेकंड की मीनू प्रथम और प्रगति ने दूसरा स्थान हासिल किया। कार्यक्रम के अन्त में संयोजक डॉ. कृष्ण कुमार द्वारा सभी का धन्यवाद प्रकट किया गया। इस अवसर पर डीन रिसर्च डॉ. आशीष मेहता, डीन ऑफ कॉलेज डॉ. विजेंद्र सिंह तोमर, डॉ. विदुषी त्यागी, डॉ. दिप्ती पराशर और डॉ.लसिथा मौजूद रही।