न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। आज राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुरुक्षेत्र में जिला स्तरीय साइंस सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें खंड स्तर पर प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों ने सहभागिता की। जिला विज्ञान विशेषज्ञ डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि जिला स्तर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंगोली जाटान से वंशिका, राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खैरी से आर्यन, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पेहोवा से निधि, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सारसा से अभिषेक, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय लाडवा से राधिका, राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शाहाबाद से शगुन, पीएम श्री वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खरींडवा से पायल, तथा विजडम वर्ल्ड स्कूल कुरुक्षेत्र से अनिकेत तथा गुरुकुल कुरुक्षेत्र से आदित्य ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता: संभाव्यता तथा सरोकार विषय पर अपना अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। जिला स्तरीय साइंस सेमिनार में निर्णायक मंडल की भूमिका में जीवविज्ञान प्राध्यापक रामेश्वर दास, कंप्यूटर साइंस की प्राध्यापिका रीना, जीवविज्ञान प्राध्यापिका कनक लता तथा भौतिकी प्राध्यापक राजेंद्र कुमार रहे। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि जिला स्तरीय विज्ञान सेमिनार में विजडम वर्ल्ड स्कूल कुरुक्षेत्र के छात्र अनिकेत ने प्रथम तथा राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्र आर्यन ने द्वितीय तथा गुरुकुल के छात्र आदित्य ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जिला शिक्षा अधिकारी रोहतास वर्मा ने सभी विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। खंड शिक्षा अधिकारी इंदु कौशिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के विज्ञान तथा तकनीकी के युग में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का प्रयोग बढ़ रहा है परन्तु विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी स्व अध्ययन करें। इस अवसर पर जिला उल्लास समन्वयक संजय कौशिक, सैनी, अतुल शर्मा, राजेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, नवीन कुमार,श्वेता शर्मा, नैंसी, दीपिका, तजिंदर कौर, जसविंदर सिंह, दीपक भट्ट, संदीप कुमार, रिम्पी सैनी इत्यादि शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि जिला स्तर पर प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अनिकेत तथा आर्यन एससीईआरटी गुड़गांव में राज्य स्तर पर होने वाले साइंस सेमिनार में कुरुक्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक ऐसी तकनीक है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम को मानव बुद्धिमत्ता की तरह सोचने, सीखने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की जाती है। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग स्वचालन, स्वास्थ्य सेवाएं तथा शिक्षा के क्षेत्र में किया जा सकता है।परन्तु विज्ञान की भांति कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारण रोजगार की कमी, निजता की कमी तथा नैतिकता से सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, क्योंकि मशीनें मानव मूल्यों को समझने में असमर्थ होती हैं। इसलिए विद्यार्थी जीवन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग संभाव्यता और सरोकारों को ध्यान में रखते हुए अत्यंत सावधानी से किया जाना चाहिए।