बिजली इंजीनियरों को उपयोगिता प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की मांग की
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
कुरुक्षेत्र। अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ (ए.आई.पी.ई.एफ.) ने निजीकरण के एजेंडे को वापस लेने की मांग की है। ए.आई.पी.ई.एफ. चाहता है कि विशेषज्ञ विद्युत इंजीनियरों को देश में विद्युत उपयोगिताओं का नेतृत्व करना चाहिए। प्रवक्ता विनोद गुप्ता ने बताया कि संघीय परिषद की बैठक नागपुर में हुई और इसमें देश भर के 18 राज्य घटकों ने भाग लिया। जिनमें पंजाब, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, असम, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली, झारखंड और केरल शामिल रहे।
शैलेंद्र दुबे अध्यक्ष, रत्नाकर राव महासचिव, अशोक राव, हिमाचल से सुनील ग्रोवर, तेलंगाना से श्रीनाथ रेड्डी, जसबीर धीमान अध्यक्ष पी.एस.ई.बी.ई.ए,, यशपाल शर्मा सचिव (मुख्यालय), सचिन टिक्कू जम्मू और कश्मीर से, संतोष खुमकर महासचिव एस.ई.ए. पूरे भारत से 70 से अधिक प्रतिनिधियों में शामिल थे। प्रवक्ता विनोद गुप्ता ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता कर रहे शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के सभी बिजली निगमों में शीर्ष प्रबंधन पदों पर विशेषज्ञ बिजली इंजीनियरों की नियुक्ति की जानी चाहिए। नागपुर में हुई बैठक में पारित प्रस्ताव कर मांग की गई कि केंद्र सरकार ऊर्जा क्षेत्र और उपभोक्ताओं के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए बिजली (संशोधन) विधेयक को फिर से न लाए और निजीकरण तथा शहरी वितरण फ्रेंचाइजी की नियुक्ति के प्रस्ताव को वापस ले। उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र का घाटा सरकार के गलत नीतिगत निर्णयों के कारण है, न कि बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और इंजीनियरों के कारण।
महासचिव रत्नाकर राव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने विद्युत (संशोधन) विधेयक के माध्यम से विद्युत अधिनियम, 2003 में संशोधन करने का प्रयास किया है। विद्युत (संशोधन) विधेयक का मुख्य उद्देश्य निजी घरानों को विद्युत वितरण के क्षेत्र में लाइसेंस देना तथा उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनियों के नेटवर्क का उपयोग करने की अनुमति देना है। विनोद गुप्ता प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले बिजली इंजीनियरों ने अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ के 51 गौरवशाली वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। यह कार्यक्रम महाराष्ट्र के अधीनस्थ अभियंता संघ द्वारा आयोजित किया गया था।