शासन प्रशासन के दबाव से गुरुग्राम के गांव घाआमडोज के किसान की जमीन हड़पने की कोशिश का मामला
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, चेतावनी के बावजूद नाजायज करने से बाज नहीं आ रही सरकार, आंदोलन भुगतने को रहे तैयार
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
करनाल। बिल्डर द्वारा शासन प्रशासन से मिलीभगत कर घाआमडोज के किसानों की जमीन हथियाने की कोशिश के मामले में 20 तारीख से आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा। भिवानी में आयोजित होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने प्रेस को विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि
शासन प्रशासन के दबाव से बिल्डर गुरुग्राम के गांव घाआमडोज के किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। चेतावनी के बाद भी सरकार किसानों के साथ जबरदस्ती करने से बाज नहीं आ रही है। बिल्डर द्वारा घाआमडोज के किसान की जमीन हथियाने के आरोप को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने मंगलवार को सांकेतिक तौर पर सोहना टोल टेक्स पर घेरा डाल नारेबाजी की थी। भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान किसानों के समर्थन में पहुंचे थे और प्रशासन को चेताया था कि यदि किसान के साथ पुनः अत्याचार किया तो आर पार की लड़ाई के लिए प्रदेश सरकार तैयार रहे, लेकिन इसके बाद भी पुलिस बिल्डर के दबाव में आकर किसानों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। किसानों के बच्चों और महिलाओं सहित किसानों के रिश्तेदारों तक को टार्चर किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में चर्चा के बाद सरकार को इस कुत्सित उत्पीड़न का मूंह तोड़ जवाब देंगे। किसान टोल टेक्स और सड़कें जाम करेंगे और जेल भरो आंदोलन भी चलाएंगे। इस तानाशाही का डटकर मुकाबला करेंगे।
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि किसानों ने गुरुग्राम के एसडीएम सोनू भट्ट को इस ज्यादती के खिलाफ ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने सरकार की तरफ से भरोसा दिया था कि कि उनके साथ अन्याय नहीं होगा, लेकिन पुलिस का अत्याचार जारी है।मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन के माध्यम से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा था कि किसान की जमीन बिल्डर द्वारा मुकदमेबाजी के माध्यम से छीनने का अवैध प्रयास किया जा रहा है। किसान द्वारा दर्ज कराया गया केस पुलिस ने रद्द कर दिया है व किसान के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कर दिए गए हैं, जो बिलकुल नाजायज हैं व मिलीभगत के साक्षात प्रमाण हैं।
ज्ञापन के माध्यम से गुरुग्राम के धाआमडोज जमीन के मामले में भारतीय किसान यूनियन ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, जिसकी समय अवधि खत्म होने वाली है और मसले के निपटान के कोई प्रयास सरकार की तरफ से नहीं किए गए। अगर पीडि़त किसान को न्याय नहीं मिला तो भारतीय किसान यूनियन आंदोलन करने को मजबूर होगी और आंदोलन में जो भी क्षति होगी उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि धाआमडोज, सोहना, गुरुग्राम निवासी सुशील कुमार पुत्र अजीत सिंह की जमीन यशदीप बिल्डर द्वारा हड़पने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। उक्त बिल्डर व तहसील के कर्मचारियों के खिलाफ पीडि़त ने फऱवरी 2023 में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा इनकी शिकायत पर कार्यवाही नहीं करते हुए बिल्डर से मिलीभगत कर पीडि़त के ऊपर ही एफ आई आर दर्ज कर दी गईं। पीडि़त ने 2018 में बिल्डर से 15 एकड भूमि का कोलाबरेशन किया था लेकिन उक्त बिल्डर द्वारा कोलाबरेशन के दौरान तय किए गए नियम अनुसार कार्य नहीं किया, जिसके कारण एग्रीमेंट 2021 में खत्म हो गया था। अब उक्त बिल्डर द्वारा डरा धमकाकर तथा पुलिस के साथ मिलकर पीडि़त को मानसिक तथा शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है, जबकि जमीन का मालिकाना हक पीडि़त के पास है। बिल्डर द्वारा जमीन हडपने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपनाए जा रहा हैं। पीडि़त किसान व्यक्ति बीमार व अपाहिज है तथा उसका पूरा परिवार इसी भूखंड पर पूरी तरह निर्भर है। बिल्डर द्वारा पुलिस प्रशासन से मिलकर दिनांक 10.08.2024 को पुन: नाजायज रूप से एक और एफआईआर दर्ज करवा दी गई।
पीडि़त किसान द्वारा जो मुकदमा दर्ज कराया गया जिसे भू माफिया व अधिकारियों के दबाव में निरस्त कर दिया गया था उसे पुन: जांच शुरू करा कर न्याय सुनिश्चित किया किया जाए। पीडि़त किसान के ऊपर भूमाफिया बिल्डर द्वारा दर्ज कराई गई सारी एफआईआर तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाएं। अगर प्रशासन द्वारा 10 दिनों के भीतर संतोषजनक कार्यवाही करते हुए इन्हें निरस्त नहीं किया गया तो भारतीय किसान यूनियन द्वारा यह माना जायेगा की उक्त अवैध कार्य में शासन-प्रशासन की भी मिलीभगत है, जिसके विरुद्ध व्यापक रूप से आन्दोलन चलाया जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की ही होगी। इस अवधि में यदि प्रशासन द्वारा इनसे जुड़े किसी भी व्यक्ति पर कोई कार्यवाही की जाती है तो हरियाणा प्रदेश का सपूर्ण किसान वर्ग इस ज्यादती के खिलाफ सडक़ों पर होगा, हर तरह की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।