यम नियम के पालन से मनुष्य स्वास्थ्य के तीनों आयामों को प्राप्त कर सकता है- प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के स्वस्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को यम और नियम के माध्यम से शांति व स्वास्थ्य कैसे प्राप्त किया जाए विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यातिथि कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान और मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली इस्कॉन से डॉ. कृष्ण मुरारी स्वामी रहे। सहायक प्रध्यापक डॉ. मोहित द्वारा गणमान्य अतिथियों का परिचय एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर कुलपति ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यम एवं नियम ऐसे अभ्यास हैं जो व्यक्तिगत रूप से उपयोगी होने के साथ-साथ सामाजिक रूप से भी बहुउपयोगी है। वर्तमान पीढ़ी योग को केवल आसन व प्राणायाम के रूप में ही जानती है। जबकि योग की शुरुआत व्यक्ति को यम-नियम के अभ्यास से शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यम का पालन करने से बाहरी आचरण में सुधार होता है इसके साथ अच्छे संस्कार बनते है। वहीं नियमों के पालन से व्यक्ति के भीतर की शुद्धि होती है। यानी यम और नियम के नियमित अभ्यास से मनुष्य स्वास्थ्य के आयामों शारीरिक,मानसिक और भावनात्मक तीनों को प्राप्त कर सकता है और सकारात्मक आचार-विचार रखने वाले व्यक्तियों से ही स्वच्छ समाज का निर्माण होता है। मुख्य वक्ता डॉ. कृष्ण मुरारी स्वामी ने कहा कि पतंजलि ऋषि ने अपने योग सूत्र में योग के आठ अंग बताए हैं जिनके नियमित पालन से शरीर व मन की अशुद्धियां दूर होती है और मनुष्य का नैतिक उत्थान होता है। मगर इनके अभाव में आज सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन का पतन हो रहा है। मशीनी युग में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर भी मनुष्य शारीरिक व मानसिक रूप से चिंतित रहते हैं और स्वास्थ्य की पूरी जानकारी रखते हुए भी स्वस्थ नहीं है। व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों ही प्रकार के अनुशासन और उत्थान के लिए यम और नियम का जीवन में अभ्यास जरूरी है। कार्यक्रम के अंत में स्वस्थवृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा द्वारा गणमान्य अतिथियों का धन्यवाद प्रकट किया गया। इस अवसर पर चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ. सुरेंद्र सहरावत, योग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शितल सिंगला मौजूद रही।