न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति व गोयल पुरस्कार आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा 6 सितम्बर को आयोजित होने वाले गोयल पुरस्कार समारोह में यूजीसी चौयरमेन प्रो. एम. जगदेश कुमार देश के 8 प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिकों को गोयल पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
गोयल पुरस्कार आयोजन समिति के संयोजक प्रोफेसर संजीव अरोड़ा ने बताया कि ने बताया कि देश के चार प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों डॉ. भीम सिंह, प्रोफेसर एमेरिटस, आईआईटी दिल्ली, डॉ. शांतनु भट्टाचार्य निदेशक, आईआईएसईआर, तिरूपति, डॉ. वी. नागराजा, माइक्रोबायोलॉजिकल और सेल बायोलॉजी विभाग, आईआईएससी, बेंगलुरु तथा डॉ. एस.के. सतीश, सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक एंड ओशनिक साइंसेज, आईआईएससी, बेंगलुरु को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए प्रतिष्ठित गोयल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वैज्ञानिक को एक पदक, प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपये की नकद राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। इन वैज्ञानिकों ने एप्लाइड साइंसेज, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान व भौतिक विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान दिया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा देश के चार वैज्ञानिकों, जिनकी उम्र 45 वर्ष से कम है, को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) द्वारा युवा वैज्ञानिकों के लिए राजीब गोयल पुरस्कार के लिए पुरस्कृत किया जाएगा जिन वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार मिलेगा उनमें डॉ. सप्तर्षि बसु, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, बेंगलुरु (एप्लाइड साइंसेज), डॉ. सेबेस्टियन सी. पीटर, जेएनसीएएसआर, बेंगलुरु (रासायनिक विज्ञान), डॉ. बुशरा अतीक, जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी कानपुर (जीवन विज्ञान) और डॉ. संजीब कुमार अग्रवाल, भौतिकी संस्थान, भुवनेश्वर (भौतिक विज्ञान) शामिल हैं।
इन युवा वैज्ञानिकों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए डोनर के नामित और आयोजन समिति के सह-अध्यक्ष प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि डॉ. सप्तर्षि बसु ने द्रव गतिकी के क्षेत्र में अपार संभावनाओं के साथ बहुत बड़ा योगदान दिया है; डॉ. सेबेस्टियन पीटर ने कार्बन डाइऑक्साइड को पकड़ने और इसे कई मूल्य वर्धित रसायनों में परिवर्तित करने के लिए उत्प्रेरक तैयार किए हैं। जीव विज्ञान के लिए युवा पुरस्कार विजेता डॉ. बुशरा अतीक ने कैंसर जीव विज्ञान में अत्याधुनिक शोध किया है जिसने प्रोस्टेट कैंसर आणविक उपप्रकार की नींव रखी। प्रोफेसर एस.पी. सिंह ने कहा कि भौतिक विज्ञान में युवा वैज्ञानिक के लिए पुरस्कार विजेता डॉ. एस.के. अग्रवाल ने मुख्य रूप से न्यूट्रिनो भौतिकी और डिटेक्टर सिमुलेशन अध्ययन में योगदान दिया है।
लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि गोयल पुरस्कारों की स्थापना स्वर्गीय श्री राम एस. गोयल, 1990 में अमेरिका में बसे एनआरआई द्वारा की गई थी। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में गोयल पुरस्कार समारोह 6 सितम्बर को केयू के सीनेट हॉल में आयोजित किया जा रहा है जिसमें सभी 8 वैज्ञानिक व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
गोयल पुरस्कार आयोजन समिति के सदस्य
लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति व गोयल अवार्ड आयोजन समिति के चेयरमैन प्रो. सोमनाथ सचदेवा हैं। सह-अध्यक्ष प्रो. एस.पी. सिंह प्रोफ़ेसर एमेरिटस, उपाध्यक्ष प्रोफेसर हरि सिंह प्रोफ़ेसर एमेरिटस, जैव रसायन विभाग, उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील ढींगरा, डीन, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय व सदस्य प्रो. एन.के. माटा, प्रोफ़ेसर एमेरिटस, वनस्पति विज्ञान विभाग, प्रो. आर.के. मोदगिल, भौतिकी विभाग, प्रो. पवन के. शर्मा रसायन विभाग, प्रोफेसर अनिता भटनागर, प्राणीशास्त्र विभाग, प्रोफेसर अनिता दुआ आईआईएचएस तथा गोयल पुरस्कार आयोजन समिति के संयोजक रसायन विभाग के प्रोफेसर संजीव अरोड़ा हैं।
सभी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक करेंगे धरोहर हरियाणा संग्रहालय का अवलोकन
लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि सभी आठ प्रतिष्ठित वैज्ञानिक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के धरोहर हरियाणा संग्रहालय का अवलोकन करेंगे व हरियाणवी संस्कृति से रूबरू होंगे। प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि केयू का धरोहर संग्रहालय अपने आप में अद्वितीय है। यह संग्रहालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में हरियाणा की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित और प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संग्रहालय युवाओं को राज्य की अनमोल विरासत से खूबसूरती से जोड़ रहा है।