न्यूज़ डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़ । फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने सेक्टर 26 के सेंट कबीर पब्लिक स्कूल में शिक्षकों और स्टाफ के लिए एक विशेष कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) सत्र का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य युवा व्यक्तियों में दिल के दौरे में हाल ही में वृद्धि के बारे में जागरूक करना था। कार्यशाला का उद्देश्य स्कूल स्टाफ को आवश्यक जीवन रक्षक कौशल से लैस करना था ताकि वे हृदयाघात जैसी आपात स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपट सकें।
प्रशिक्षण का संचालन क्लिनिकल इंस्ट्रक्टर शिवानी ने किया। इस सत्र में ऐसे पीड़ितों के लिए बेसिक लाइफ स्पोर्ट (बीएलएस) पर चर्चा की गई, जिसमें छाती को दबाना, पीड़ितों को अस्पताल में आसानी से स्थानांतरित करने की तैयारी और कई हताहतों के मामलों में प्राथमिक उपचार शामिल है।
बीएलएस एक व्यावहारिक जीवन-रक्षक तकनीक है जो सीपीआर, प्राथमिक चिकित्सा और दिल के दौरे जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण कौशल को जोड़ती है। कार्यशाला के दौरान, कर्मचारियों को सीपीआर में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसमें शीघ्र और प्रभावी सीपीआर के महत्व पर जोर दिया गया। इस बात का भी व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया कि चेतावनी के संकेतों को कैसे पहचाना जाए, स्थिति का तुरंत आकलन कैसे किया जाए, तथा पेशेवर चिकित्सा सहायता उपलब्ध होने तक तत्काल देखभाल कैसे प्रदान की जाए।
उन्होंने बताया कि अगर लोगों को समय पर सीपीआर मिल जाए तो देश में अचानक हृदय की मृत्यु के कारण मरने वाले करीब 7.5 लाख लोगों को बचाया जा सकता है। शिवानी ने बताया कि चूंकि इनमें से अधिकतर अचानक हमले अस्पताल के बाहर होते हैं, इसलिए हेल्थकेयर प्रोवाइडर के रूप में समाज को सीपीआर स्मार्ट बनाना हमारा कर्तव्य बन जाता है। उन्होंने आगे कहा, किसी पीड़ित के सीपीआर से जीवित रहने की संभावना बढ़ सकती है और इसीलिए फोर्टिस का लक्ष्य हमारे ’हैंड्स ऑन हार्ट क्लब’ के माध्यम से ट्राइसिटी को सीपीआर-स्मार्ट बनाना है।