थानेसर में कांग्रेस को मिली बड़ी मजबूती
थानेसर के ढाई दर्जन से ज्यादा सरपंचों ने भाजपा छोड़ ज्वाईन की कांग्रेस
अरोड़ा बोले, मुख्यमँत्री ने हल्का बदलकर चुनाव से पहले ही स्वीकार कर ली हार
कहा, कुरुक्षेत्र उपायुक्त भाजपा कार्यकर्ता बनकर कर रहे काम
सरपंच एकजुटता से बोले, अबकि बार प्रदेश में बन रही है भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। शुक्रवार को थानेसर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को उस वक्त बडी मजबूती मिली जब थानेसर हल्के के ढाई दर्जन से भी ज्यादा मौजूदा सरपंचों ने पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करते हुए भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। रेलवे रोड़ पर स्थित एक नीजि हॉटल में आयोजित एक कार्यक्रम में सभी सरपंचों को पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कांग्रेस का पटका पहनाकर उन्हे कांग्रेस पार्टी में शामिल करवाया व विश्वास दिलाया कि सभी का कांग्रेस पार्टी में पूरा मान सम्मान किया जाएगा। कांग्रेस सरकार बनने पर थानेसर के हर गांव में सरपंचों के सहयोग से जोरदार तरीके से विकास कार्य करवाए जाएंगें। सरपंचों के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी ओर अधिक मजबूत होगी। कांग्रेस में शामिल होने वाले सरपंचों में नरकातारी के सरपंच मा. केहर सिंह, प्रतापगढ से प्रदीप सैनी, कसेरला से राजबीर सैनी, सिरसला से बलविंद्र सिंह, हथीरा के सरपंच कृष्ण, घराड़सी के सरपंच प्रदीप कुमार, किरमच के सरपंच रणबीर बूरा, सिंगपुरा से मैहम सिंह, रत्नडेरा के सरपंच कुलदीप कश्यप, घमूरखेडी के सरपंच केवल सिंह कंबोज, मझाड़ा के सरपंच अजय कुमार, खेड़ी मारकंडा के सरपंच प्रतिनिधि कृष्ण कुमार, हरियापुर के सरपंच विक्रम, मिर्जापुर के सरपंच सुशील कुमार बल्ली, झिंझरपुर के सरपंच गुरदास, डोडाखेड़ी के सरपंच अनिल कुमार, खासपुर के सरपंच धर्मसिंह, जोगनाखेड़ा के सरपंच संजीव, तिगरी खालसा के सरपंच परमजीत, आलमपुर के सरपंच जागिंद्र, समसीपुर के सरपंच हरजिंद्र सिंह, चंद्रभानपुरा के सरपंच जसबीर सिंह, बिशनगढ के सरपंच अमित सैनी, बीड अमीन के सरपंच विरेंद्र अटवाल समेत अन्य सरपंचों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया। पत्रकार वार्ता के दौरान सभी पत्रकारों ने एक आवाज में कहा कि वे खुले मन से कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं और अबकि बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। इसी के साथ साथ रेलवे विभाग के सेवानिवृत्त स्टेशन सुप्रीडेंट एससी गुप्ता ने भी कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। गुप्ता को अशोक अरोड़ा ने पटका पहनाकर पार्टी में शामिल करवाया। इस मौके पर कांग्रेस नेता मायाराम चंद्रभानपुरा, सुभाष पाली, टेकचंद बारना, राकेश सैनी, सौरभ गर्ग, मेहर सिंह रामगढ, कुलदीप ढिल्लों ने कांग्रेस में शामिल हुए सभी सरपंचों का स्वागत किया।
सरपंचों को कांग्रेस में शामिल करवाने के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि 10 साल तक प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी रूपि तानाशाह सरकार को झेला है। अब प्रदेश की जनता ने मन बना लिया है कि हरियाणा प्रदेश में भारी बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार को लाना है। मुख्यमंत्री नायब सैनी जो बार बार कह रहे थे कि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनेगी, अब सैनी ने तो अपना करनाल हल्का छोडक़र लाडवा से चुनाव लड रहे हैं। उन्होने तो हल्का बदलकर चुनाव से पहले ही हार मान ली है। भाजपा के टिकट बंटवारे के बाद पार्टी में भगदड मच गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने तो मनोहर लाल के खडाऊं के रूप में काम किया है। बेशक नायब सैनी प्रदेश के मुख्यमंत्री बने लेकिन असली सरकार तो मनोहर लाल चला रहे थे। अब तो भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज भी खुलेआम कह रहे हैं कि जिस मुख्यमंत्री को टिकट वितरण का ही पता नही, वह कैसे मुख्यमंत्री हैं, वह तो रबड स्टेंप हैं। भाजपा के टिकट वितरण ने भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन, परिवारवाद, राष्ट्रवाद की पोल खोलकर रख दी है। इतना ही कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल की माता भी हिसार से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे को तैयार है।
कुरुक्षेत्र उपायुक्त भाजपा कार्यकर्ता बनकर कर रहे काम
पत्रकार वार्ता में अशोक अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र के उपायुक्त सुशील सारवान की माता संतोष सारवान मुलाना से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं और उपायुक्त सुशील सारवान कुरुक्षेत्र में लगातार आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उडा रहे हैं। वे उपायुक्त की भूमिका में नही बल्कि भाजपा कार्यकर्ता की भूमिका में काम कर रहे हैं। जो काम शुरु ही नही हुए थे, ऐसे कार्यों को आदर्श आचार संहिता के दौरान किया जा रहा हैं। हाल ही में फंड भी जारी किए गए हैं जोकि आचार संहिता की सरेआम धज्जियां उडाई जा रही हैं। अरोड़ा ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मांग की कि कुरुक्षेत्र के उपायुक्त को तुंरत बदला जाए। उन्होने बताया कि इससे पूर्व लोकसभा चुनाव में भी आचार संहिता की धज्जियां उडाने के आरोप में सुशील सारवान का पंचकूला के उपायुक्त पद तबादला किया गया था।