-काम करने वाली संस्थाओं को नहीं, बल्कि चहेतों को किया गया सम्मानित-शर्मा
-ब्रह्मसरोवर की मर्यादा को कायम रखने में असफल रहा केडीबी
-सभा ने मामला पहुंचाया राज्यपाल और मुख्यमंत्री के दरबार में
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 6 जनवरी।अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 के आयोजन में सराहनीय भूमिका निभाने वाली संस्थाओं में कुरुक्षेत्र की एक प्रमुख धार्मिक संस्था की उपेक्षा से जमकर आलोचना हो रही है। बता दें कि मंगलवार को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और जिला प्रशासन द्वारा श्री कृष्ण संग्रहालय के सभागार में उपरोक्त महोत्सव में योगदान देने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। आज यह समाचार कई कारणों से सुर्खियों में रहा। इसी बीच कुरुक्षेत्र की प्रमुख संस्था श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रतिनिधियों एक बैठक आयोजित कर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड एवं जिला प्रशासन द्वारा तीर्थोद्धार सभा की उपेक्षा करने पर जमकर आलोचना की। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं थानेसर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष जयनारायण शर्मा ने उक्त बैठक के बाद बताया कि हर बार की तरह इस बार भी गीता जयंती के उपलक्ष में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 में भी संस्था द्वारा गीता यज्ञ,गीता वितरण और श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के एक दर्जन अलग अलग मंदिरों पर रंगबिरंगी लाइटिंग से सुसज्जित किये गये थे। वहीं कुरुक्षेत्र रेलवे रोड पर स्थित भगवान परशुराम चौक को भी लाइटों से सजाया गया था। सभा के मुख्य सलाहाकार जयनारायण शर्मा ने कहा कि उनकी संस्था ने कुरुक्षेत्र और मंदिरों पर 108-108 दीप प्रज्जवलित किये गये थे। उन्होंने कहा कि सभा को किसी भी प्लेटफार्म पर श्रेय की आवश्यकता नहीं है,मगर यह मामला अन्य संस्थाओं के बीच कुरुक्षेत्र की इस प्रमुख संस्था की अनदेखी की गई है,जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सभा प्रारंभ से ही गीता जयंती समारोह, सूर्यग्रहण मेला तथा अन्य आयोजनों में केडीबी का सहयोग करती रही है, लेकिन अब सभा ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया है कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के इस तरह के आयोजनों से सभा दूरी अपनाएगी और निजी स्तर पर ही अपनी गतिविधियों को जारी रखेगी। सभा के प्रधान पवन शास्त्री, प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा, संरक्षक नरेंद्र शर्मा निंदी, वरिष्ठ उप प्रधान एवं पार्षद नीतिन भारद्वाज ने उक्त घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि केडीबी और प्रशासन ने अपने चहेतों का सम्मान किया है,जबकि काम करने वाली संस्थाओं की उपेक्षा की गई है। इन्होंने ब्रह्मसरोवर पर मछली और कछुओं के शिकार के लिये विशाल जाल लगाने की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए और मछली पकड़ने की इस साजिश में जो भी अधिकारी शामिल हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ब्रह्मसरोवर की मर्यादा काे कायम रखने में विफल है तो वह ब्रह्मसरोवर वापिस श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा को सौंप दे। उन्होंने कहा कि संस्थाओं के समारोह प्रकरण और ब्रह्मसरोवर में जाल लगाने की लिखित शिकायत केडीबी के अध्यक्ष एवं हरियाणा के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को भी भेजी जा गई है,ताकि करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र की पवित्रता और मर्यादा को बरकरार रखा जा सके।