बोले, प्रशिक्षण शिविर बंद कर सड़क पर आंदोलनरत अन्नदाता की सुध ले भाजपा
युवा किसानों पर झूठे मुदकमे दर्ज करवाने की कड़ी निंदा की अशोक अरोड़ा ने
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 7 जनवरी। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि भाजपा नेता प्रशिक्षण शिविर के नाम पर गांव के लोगों का आपसी भाईचारा समाप्त करने पर तुली हुई है जोकि शर्मनाक है। भाजपा नेताओं को लोगों का आपसी भाईचारा समाप्त करने की बजाए ठिठुरती ठंड में सड़क पर आंदोलन कर रहे अन्नदाता की सुध लेनी चाहिए और अपने प्रशिक्षण शिविर तुरंत बंद करने चाहिए। अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और भाजपा के पदाधिकारी सभी एकजुट होकर लोगों का भाईचारा खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन प्रदेश की जनता यह कुटिर प्रयास किसी भी हालत में सफल नही होने देगी।
उन्होने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के होने चुनाव को देखते हुए भाजपा योजनाबद्ध तरीके से गांव में पार्टीबाजी पैदा करना चाहते हैं ताकि लोगों का आपसी भाईचारा बिगडे और इसका लाभ पंचायती चुनाव में भाजपा उठा सके लेकिन लोग भाजपा की इस चाल को जान चुके हैं और भाजपा की भाईचारा बिगाडने की साजिश सफल नही होने देंगें। उन्होने कहा कि आज देश का अन्नदाता अपने हकों से 43 दिन से सड़कों पर आंदोलन कर रहा है। वृद्ध, महिलाएं और बच्चे तक कडकती ठंड में सडकों पर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। लगभग 60 किसानों की इस आंदोलन में शहादत हो चुकी है। दुख की बात यह है कि सरकार के कानों पर जूं नही रेंग रही। केंद्र सरकार को हठधर्मिता छोडकर किसानों की मांगें स्वीकार कर लेनी चाहिए।
अरोड़ा ने विधायक सुभाष सुधा के निवास के सामने विरोध जताने वाले युवा किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाने की कडी निंदा करते हुए कहा कि इन युवकों को पुलिस से बेरहमी से पिटवाया गया। इन युवा किसानों का कसूर केवल इतना था कि इन्होने भाजपा विधायक के घर के सामने विरोध स्वरूप नारेबाजी की थी। अरोड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार लोकलाज छोड चुकी है। भाजपा नेताओं को कडे जनविरोध का सामना करना पड रहा है। आज जहां जहां भी भाजपा के नेता गांव में जाते हैं किसान काले झंडों से प्रदर्शन कर विरोध कर रहे हैं। गांव बहादुरपुरा में मंडल स्तर के दो दिवसीय भाजपा प्रशिक्षण शिविर को किसानों के विरोध के कारण रद्द करना पडा वहीं तिगरी खालसा में किसानों ने भाजपा नेताओं का काले झंडों के साथ कडा विरोध किया। आज ग्रामीण क्षेत्रों में लोग भाजपा नेताओं को घुसने नही दे रहे।