एनडी हिंदुस्तान संवाददाता/डॉ. प्रदीप गोयल
शाहाबाद। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक व शिक्षाविद् डा. कुलदीप सिंह ढींडसा ने बताया कि भारत ने नान-बासमती चावल के भारी स्टाक को देखते हुए इसके निर्यात से पाबन्दी हटा ली हैं। साथ ही इसका मूल्य 490 डालर प्रति टन तय का दिया है तथा निर्यात-कर भी शून्य कर दिया है । यह ऐसे समय में पर लिया गया हैं जब देश के भंडार चावल से भरे पडे़ है तथ खुदरा कीमतें भी पूर्णतया नियन्त्रण में हैं।
डा. ढींडसा ने कहा कि वित्त मन्त्रालय ने निर्यात -कर भी घटा कर 10 प्रतिशत कर दिया हैं। वर्ष 2023-24 में देश ने 852.52 मिलियन डालर मूल्य का साधारण -चावल निर्यात किया था जबकि इस वर्ष अप्रैल से जुलाई में 189 मिलियन डालर का चावल निर्यात किया गया। पिछले वर्षो में यद्यपि चावल के निर्यात पर पाबन्दी थी, फिर भी भारत सरकार ने अपने मित्र देशों मालदीव, मारिशस, यू.ए.ई तथा अफरीकन देशों की आपूर्ति जारी रखी। इन देशों की खाद्य-सुरक्षा को ध्यान में रखते हुऐ भारत ने यह निर्णय लिया। नान-बासमती चावल को भारत में बड़े चाव से खाया जाता है तथा वैश्विक बाजारों में भी इसकी भरपूर मांग है।डा. ढींडसा ने कहा कि निर्यात-कर उस समय लागू किया गया जब भारत सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात मूल्य से की शर्त हटा दी। इससे पहले यह दर 20 प्रतिशत थी।