समाप्त होती लोककला को संरक्षित करने के लिए 2-11 अक्टूबर तक सांझी उत्सव
एसोसिएशन ऑफ हरयाणवीज इन ऑस्ट्रेलिया ने लोककला सांझी को बचाने के लिए बढ़ाए कदम
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । लुप्त होती लोककला सांझी को संरक्षित करने के लिए जहां एक ओर सांझी उत्सव की शुरूआत 2 अक्टूबर से विरासत हेरिटेज विलेज में हो रही हैं वहीं पर दूसरी ओर इसी दिन विश्व की सबसे बड़ी 500 स्केयर फुट की सांझी सभी के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी। सांझी उत्सव 2024 की शुरूआत कुरुक्षेत्र के उपायुक्त श्री राजेश जोगपाल करेंगे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा की लुप्त होती इस लोककला को बचाने के लिए विरासत द्वारा यह चौथा सांझी उत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस उत्सव में 100 से अधिक महिलाएं दीवार पर सांझियां उकेरेंगी। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी सांझी जिसका साईज 500 स्केयर फुट होगा। जिसकी ऊंचाई 25 फुट और चौड़ाई 20 फुट होगी लोककला प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इस सांझी को जींद के कलाकार गौत्तम बनाएंगे। पिछले वर्ष भी उन्होंने विरासत में लगभग 20 फुट ऊँची सांझी का निर्माण किया था। उन्होंने बताया कि विरासत सांझी उत्सव में खेती-बाड़ी की पुरातन वस्तुएं, हरियाणा के परिवहन के साधनों में बैलगाडिय़ां, रेहडू, ठोकर, बैलड़ी के साथ-साथ पुरातन रियासतों के बाट की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्सव में भाग लेने वाले एवं प्रदर्शनी का अवलोकन करने वाले विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए लोक पारम्परिक खेलों का आयोजन भी किया जायेगा। इन खेलों में गुल्ली-डंडा, कंचा खेलना, पीठो, मटका दौड़ आदि विशेष रूप से शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि हर रोज प्रदर्शनी का अवलोकन करने वाले छात्रों को जहां लोक सांस्कृतिक परम्पराओं से जोडऩे के लिए सांझी से संबंधित जानकारी दी जाएगी वहीं पर दूसरी ओर पुरातन विषय-वस्तुओं की लोक सांस्कृतिक प्रदर्शनी उनके लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी। हर रोज छात्रों के लिए चित्तण-मांडणा प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा।
इसके अतिरिक्त हरियाणवी खान-पान भी अवलोककर्ताओं के लिए विशेष रूप से उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि प्रथम पुरस्कार 51 हजार, दूसरा 31 हजार, तीसरा 21 हजार, चौथा 11 हजार, पांचवा 51 सौ रूपये, छठा पुरस्कार 31 सौ रूपये, सातवां 21 सौ रूपये के पांच पुरस्कार जबकि आठवां 11 सौ रूपये के दस पुरस्कार रखे गए हैं।
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सांझी को बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के एनआरआई आए आगे
एसोसिएशन ऑफ हरियाणवीज इन ऑस्ट्रेलिया के एनआरआई कार्यकारिणी की बैठक ने गत दिवस हरियाणाी की लुप्त होती लोककला को बचाने के लिए विरासत द्वारा आयोजित सांझी उत्सव 2024 के संरक्षण के लिए सार्थक पहल का बीड़ा उठाया है। इस आशय की जानकारी एसोसिएशन ऑफ हरियाणवीज इन ऑस्ट्रेलिया के प्रधान सेवा सिंह ने सांझी उत्सव के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया को टेलीफोन पर दी। उन्होंने कहा कि लोककला सांझी को बचाने के लिए ए.एच.ए. विरासत हेरिटेज विलेज के साथ संयुक्त भागीदार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर सांझी को बचाने के लिए मुहिम छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में बैठे हुए एनआरआई हरियाणवीयों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि विरासत के इस लोककला संरक्षण अभियान में ए.एच.ए. महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। इसके लिए कार्यक्रम के आयोजन एवं पुरस्कारों हेतु विरासत को सहयोग भी किया जायेगा। इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ. पूनिया ने ऑस्टे्रलिया में बैठे हुए सभी हरियाणवीयों का लोककला सांझी को बचाने के लिए आगे आने हेतु हार्दिक आभार व्यक्त किया है।