Monday, November 25, 2024
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भाजपा सरकार में व्यापारी व राइस मिलर लुटा रहा है और किसान पिट रहा है- बजरंग गर्ग

by Newz Dex
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भाजपा सरकार जब तक राइस मिलरों की समस्या का समाधान नहीं करेगी तब तक राइस मिलर सरकारी धान अपनी मिलों में  नहीं लगाएगा- बजरंग गर्ग

धान की सरकारी खरीद ना होने के कारण किसानों में सरकार के प्रति बड़ा भारी रोष है- बजरंग गर्ग

भाजपा सरकार में एफसीआई विभाग के अधिकारी चावल गोदाम लगाने के नाम पर 10 हजार रुपए गाड़ी खुलेआम ले रहे है- बजरंग गर्ग

सरकार 1 क्विंटल धान के बदले 67.5 किलो चावल की बजाएं 60 किलो चावल लेने का नियम बनाना चाहिए- बजरंग गर्ग

सरकार को धान पिनाई 10 रुपए क्विंटल की बजाएं 120 रुपए राइस मिलों को देनी चाहिए- बजरंग गर्ग

सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में चावल उद्योग बर्बादी की करगार पर है- बजरंग गर्ग

न्यूज़ डेक्स संवाददाता/डॉ प्रदीप गोयल

कुरुक्षेत्र। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कांन्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने अपने राज्य स्तरीय दौरे के दौरान राइस मिलरों, किसान व आढ़ती से बातचीत करने के उपरांत कहा कि भाजपा सरकार राइस मिलरों की समस्याओं का समाधान करने की बजाएं राइस मिलरों को बार-बार चंडीगढ़ के चक्कर लगवा कर उन्हें और तंग कर रही है। जिसके कारण राइस मिलर मजबूरी में सरकारी धान अपनी मिलों में जब तक नहीं लगाएगा जब तक राइस मिलरों की समस्याओं का समाधान भाजपा सरकार नहीं करेगी। सरकार द्वारा किसानों की धान की खरीद ना करने से किसान अपनी धान बेचने के लिए मंडियों में 10 दिनों से धक्के खा रहा है और किसानों को मजबूरी में अपनी धान एमएसपी से 400-500 रूपए प्रति क्विंटल कम दामों में बेचनी पड़ रही है जिसके कारण किसानों में सरकार के प्रति बड़ा भारी रोष है। लगभग हजारों मैट्रिक टन धान मंडियों में पड़ा है। जबकि  पिछले चार सीजन का लगभग 100 करोड़ रुपए से ज्यादा राइस मिलरों का सरकार की तरफ जो बकाया है। सरकार जो राइस मिलरों को धान देती है और 100 किलो धान के बदले सरकार ने 67.5 किलो चावल लेने का नियम बनाया हुआ है जो सरासर गलत है जबकि 100 किलो धान में 60 किलो चावल ही निकलता है। सरकार को मिलरों से 60 किलो चावल लेने का नियम बनाना चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि धान की पिनाई करके चावल निकालने की मिलिंग 30 सालों से सिर्फ सरकार राईस मिलरों को 10 रुपए प्रति क्विंटल दे रही है जबकि धान पिनाई का खर्च लगभग 120 रुपए प्रति क्विंटल आता है। आज कल  लेबर खर्च अनाप-शनाप बढ़ चुके हैं। राईस मिलरों को लागत का बैंक ब्याज इनकम तक नहीं होती। सरकार को धान पिनाई का 120 रुपए प्रति क्विंटल राइस मिलरों को देना चाहिए। श्री गर्ग ने कहा कि भाजपा सरकार में खुलेआम भ्रष्टाचार का बोलबाला है। राईस मिलर जो चावल की गाड़ियां एफसीआई के लगता है। चावल पास करने के नाम पर 10‌ हजार रुपए रिश्वत के नाम पर खुलेआम एफसीआई के अधिकारी राईस मिलरों से ले रहे हैं अगर जो राइस मिलर पैसे नहीं देता है तो उसका चावल एफसीआई के अधिकारी जानबूझकर रिजेक्ट कर देते हैं। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा चावल उद्योग बंद होने के कगार पर है। भाजपा सरकार में व्यापारी व राइस मिलर लुटा है और किसान पिटा है। आज भाजपा सरकार से व्यापारी व उद्योगपति बेहद दुखी है। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि भाजपा सरकार ने राइस मिलरों की चेकिंग के नाम पर मिलरों में पुलिस बिठा दी गई थी और चेकिंग के नाम पर सरकारी अधिकारियों ने राईस मिलरों को दोनों हाथों से लूटने का काम किया है

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