Friday, November 22, 2024
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परिवार और समाज में बिखराव को रोकने के लिए भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलना होगा : महामहिम राज्यपाल देवव्रत

by Newz Dex
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व्यक्ति इंसान नहीं बना तो कोई पद किसी काम का नहीं

गुजरात के महामहिम राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत ने पुराना आईटीआई मैदान में आयोजित रामलीला में बतौर मुख्यातिथि की शिरकत 

न्यूज़ डेक्स संवाददाता

रोहतक। गुजरात के महामहिम राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत ने कहा कि यदि हमें वर्तमान दौर में अपने बच्चों को सही रास्ते पर लाना है, उनको कुरीतियों से बचना है, नशे से बचना है, बड़ों के प्रति सम्मान का भाव देना है, राष्ट्र के प्रति देशभक्ति का भावना देनी है तो उनके जीवन में बचपन से ही भगवान श्री राम के जीवन को चरितार्थ करना होगा। उन्होंने कहा कि श्री राम का जीवन हर वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भगवान श्रीराम देश का गौरव थे, वे राष्ट्र की प्रतिष्ठा थे।

महामहिम राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत सोमवार को शहर के पुराना आईटीआई मैदान में आयोजित रामलीला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का चरित्र एक अच्छा बेटा,  अच्छा भाई, अच्छा पुत्र, अच्छे राजा और अच्छे धर्मात्मा होने का उपदेश देता है। उन्होंने कहा कि रामलीला को महज एक मनोरंजन का माध्यम  ना माने बल्कि भगवान श्री राम के आदर्श हमारे अंदर आने चाहिए। 

उन्होंने कहा कि आज समाज और परिवार में बिखराव हो रहा है। पिता और पुत्र तथा भाई-भाई में द्वेषभाव और दूरियां हो रही हैं। आज  बच्चों में संस्कार नहीं रहे हैं। बच्चे नशे का शिकार हो रहे हैं। माता-पिता का सम्मान नहीं कर रहे हैं।  वहीं दूसरी तरफ माता-पिता अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बैरिस्टर और पायलट बनना चाहते हैं जबकि इनके साथ साथ में सबसे पहले बच्चे को एक अच्छा इंसान होना जरूरी है। यदि सही अर्थों में व्यक्ति इंसान नहीं बना तो कोई पद किसी काम का नहीं है। उन्होंने कहा कि आज बुजुर्गों का परिवार में कोई सम्मान नहीं रहा है, आज जरूरत है भगवान श्री राम के चरित्र को अपने और परिवार के अंदर ढालने की। 

उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ने अपने पिता की आज्ञा मानते हुए 14 वर्ष का वनवास लिया और पिता की आज्ञा का अनादर नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति त्यागवादी संस्कृति रही है। भगवान श्री राम चाहते तो राज्य प्राप्त कर सकते थे, लेकिन भगवान श्री राम ने धर्म के मार्ग को चुना। यह आने वाली पीढिय़ों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि आज भगवान राम के चरित्र को घर-घर में लाने की जरूरत है ताकि बिखरते हुए परिवारों को बचाया जा सके। उन्होंने रामलीला के आयोजकों को अपनी तरफ से शुभकामनाएं और बधाई दी। रामलीला के दौरान राज्यपाल आचार्य देवव्रत व रामलीला उत्सव कमेटी के मुख्य संरक्षक राजेश जैन और प्रधान सुभाष तायल ने आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए पहली बार रिमोट का बटन दबाकर उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रसिद्घ समाज सेवी संपूर्ण सिंह भी मौजूद रहे।

इस दौरान रामलीला कमेटी के मुख्य संरक्षक राजेश जैन ने अपने संबोधन के माध्यम से राज्यपाल का स्वागत किया। मंच का संचालन सतीश भारद्वाज व विजय गुप्ता बाबा ने किया। श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा सभी अतिथियों को मोतियों की माला, बैज, पटका, शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। रामलीला में महामण्डलेश्वर डॉ. स्वामी परमानंद जी महाराज, सूरजमल रोज व समाजसेवी शिवम डाईगनोस्टिक के डॉ. मनोज गोयल, सुजु स्टील वाले समाजसेवी उद्योगपति सुशील बंसल व लॉयन्स क्लब के पूर्व प्रधान आर.के. जैन ने शिरकत की।  

इस अवसर पर प्रधान सुभाष तायल, शंकर लाल मित्तल, जयभगवान ऐरन, रमेश रोहिल्ला, विपीन गोयल, गुलशन निझावन, वरूण सिंगल, मनोज जिंदल, मीडिया प्रभारी राजीव जैन, सुरेन्द्र बल्ली, अनिल बंसल, रामकुमार पंचाल, अमित गुप्ता, सन्नी निझावन, शीतल,  विकास दलाल, अंकित गर्ग, योगेश अरोड़ा, वरूण शर्मा, नरेश शर्मा, राजन गुप्ता, सुशील मंगला, दिनेश तायल, प्रेम गर्ग, संदीप गुप्ता, मनीष जैन, विकास कंसल, उमा गोयल, संतोष, मीना सिंगल, आशा गर्ग आदि उपस्थित थे।

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