राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतुहपुर एवं मातृभूमि शिक्षा मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थी मिलन कार्यक्रम में विद्यार्थियों के सर्वांगीण में विद्यालय की भूमिका विषय पर कार्यक्रम संपन्न
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतुहपुर एवं मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने रूप संयुक्त कार्यक्रम प्रस्तुत किया
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । विद्यालय बालकों को जीवन की जटिल परिस्थितियों का सामना करने योग्य बनाता है। विद्यालय विद्यार्थियों के सामाजिक सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करता है तथा उसे अगली पीढ़ी में हस्तांतरित करता है। विद्यालय, बालकों को घर, समाज एवं संसार से जोड़ने का कार्य करते हैं। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सामंजस्य पूर्ण विकास करने में विद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। यह विचार शारदीय नवरात्रि के नवमी के उपलक्ष्य में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतुहपुर एवं मातृभूमि सेवा मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विद्यार्थी मिलन कार्यक्रम में विद्यार्थियों के सर्वांगीण में विद्यालय की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ राजकीय माध्यमिक विद्यालय फतुहपुर की शक्ति स्वरूपा कन्याओ के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं राजकीय माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्र भक्ति की भावना से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। राजकीय माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों का मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर पहुंचने पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यर्थियों ने तिलक लगाकर एवं पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। ऐसा अद्भुत सम्मान पाकर सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक आत्मविभोर मंत्रमुग्ध हो गये। सभी बिद्यर्थियों ने मातृभूमि सेवा मिशन के सेवा प्रकल्पों का अवलोकन किया।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा अध्यापक अपने विद्यर्थियों के प्रति केवल पुस्तकीय ज्ञान तक ही सीमित नही रहना चाहिए बल्कि बच्चों के सर्वांगिण विकास के लिए सभी प्रयास करने चाहिए, जिससे बच्चे हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा सकें। विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा के साथ साथ हर विपत्तियों से निपटने में निपुण बनाना चाहिए।शिक्षक की भूमिका शिक्षार्थियों को प्रेरित करने, प्रोत्साहित करने और शिक्षित करने के लिए है।शिक्षक की भूमिका हमेशा एक सूत्रधार की होती है, सूत्रधार शिक्षक भूमिका होने के नाते अपने छात्र को ज्ञान प्राप्त करने और फिर से संगठित करने में सहायता करना है। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा स्कूली शिक्षा बच्चे के भविष्य के लिए बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह उनके बौद्धिक और व्यक्तिगत विकास की नींव रखती है। हर बच्चे को शिक्षा पाने का अधिकार है और स्कूल सीखने और विकास के लिए ज़रूरी माहौल प्रदान करते हैं। स्कूली शिक्षा का प्रभाव शैक्षणिक, सामाजिक, भावनात्मक और संज्ञानात्मक क्षेत्रों में फैला हुआ है। वे बच्चों के नैतिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान देते हैं क्योंकि वे मूल्यों, सम्मान और विविध दृष्टिकोणों की समझ सिखाते हैं, ताकि एक मज़बूत नैतिक दिशा-निर्देश का निर्माण हो। विद्यार्थी मिलन कार्यक्रम में राजकीय माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को मातृभूमि सेवा मिशन परिवार की ओर स्टेशनरी आदि भेंट की गई। सभी शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। राजकीय माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक बलबिंद्र सिंह ने विद्यार्थी मिलन कार्यक्रम के लिए बहुत ही उत्तम व्यवस्था के लिए मातृभूमि सेवा मिशन परिवार का आभार प्रकट किया। शिक्षक संजय कुमार ने समस्त कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान से हुआ।