Friday, November 22, 2024
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हरियाणवी रागनियों से सजी कला परिषद की शाम, लोक कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां

by Newz Dex
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साप्ताहिक आनलाईन संध्या में हरियाणवी रागनियों से कलाकारों ने लूटी वाहवाही

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र 9 जनवरी। हरियाणा कला परिषद द्वारा प्रत्येक सप्ताह आनलाईन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के कलाकारों को मंच दिया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण लोक कलाकारों को मंच नहीं मिल रहा था, ऐसे में हरियाणा कला परिषद द्वारा प्रारम्भ किए गए आनलाईन कार्यक्रमों में प्रत्येक सप्ताह प्रदेश के कलाकार अपनी प्रतिभा को दिखाते हुए हरियाणा की संस्कृति को विस्तार दे रहे हैं। इसी कड़ी मे गत शनिवार हरियाणवी रागनी कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि हरियाणा की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाना ही हरियाणा कला परिषद का दायित्व है, जिसे पूरा करने के लिए कला परिषद निरंतर प्रयासरत है।

आनलाईन कार्यक्रमों की सफलता के बारे में बताते हुए संजय भसीन ने कहा कि कोविड 19 के कहर के कारण कलाकारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी तथा केंद्र सरकार के निर्देशानुसार सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध था। ऐसे में हरियाणा कला परिषद द्वारा चलाए जा रहे  आनलाईन कार्यक्रमों से न केवल कलाकारों को मंच मिल रहा, अपितु दर्शकों को भी घर बैठे मनोरंजन का साधन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि आनलाईन कार्यक्रमों के लिए पहले कलाकारों से खुद सम्पर्क करना पड़ रहा था, किंतु कार्यक्रमों की सफलता को देखते हुए हरियाणा के लोक कलाकार आगामी दिनों में प्रस्तुति हेतु निरंतर सम्पर्क कर रहे हैं। हरियाणवी रागनी कार्यक्रम में हरियाणा के विभिन्न जिलों के लोक कलाकारों ने अपनी गायकी का जादू बिखेरा।

कार्यक्रम का संचालन कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में लोकगायक कृष्णलाल कापड़ो, राजा, समंदर सिंह, कृष्ण शास्त्री तथा वेदपाल अत्री ने रागनियां सुनाई। कलाकारों ने कुरुक्षेत्र मैं अर्जुन ने जब देखा रै परिवार, छोड़ दिए हथियार सुनाकर महाभारत के किस्से को जीवंत कर दिया। वही जहाज के मैं बैठ गोरी राम रट के, ओढ़णा सिमालिये तेरा पल्लू लटकै, के सूपणे का जिकर करुं मनै बात जरुरी आगी, तम्बू के मां पडै पडै ना याद अंगूरी आगी के माध्यम से कलाकारों ने वाहवाही लूटी। इसके बाद वीर रस से भरी रागनी कटण मरण ते स्यार डरयां करैं, शेर भरयां करै चाव मैं, भरयां खुशी मैं बोस जणूं, बंदड़े का बापू ब्याह मैं के द्वारा सुभाष चंद्र बोस की वीरता का बखान करते हुए देशप्रेम जाहिर किया। लोक कलाकारों ने भठियारी री तेरी सरा मैं, मेरी कोण गवाही देगा, फिरुं भटकता गोरी के बहम मां मन्नै कोण दवाई देगा सुनाकर अपनी प्रतिभा का दर्शन कराया। एक के बाद एक रागनी ने कार्यक्रम में चार चांद लगाए। कार्यक्रम के अंत में कलाकारों ने हरियाणा कला परिषद का आभार जताया तथा मंच प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। 

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