न्यूज़ डेक्स संवाददाता
करनाल। उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा है कि डीएपी खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी व तस्करी को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि डीएपी के वितरण में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए, इसके साथ-साथ किसानों को डीएपी के साथ जबरन अन्य कोई कीटनाशक आदि न थोपा जाए। निर्धारित कीमत से अधिक वसूलने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
उपायुक्त आज यहां जिला सचिवालय में डीएपी को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कृषि, कृभको, हैफेड, इफको, एनएफएल, केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों के अलावा खाद डीलर्स ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि जिला में डीएपी की 40 प्रतिशत आपूर्ति हैफेड और 60 प्रतिशत प्राइवेट विक्रेताओं के माध्यम से की जायेगी। इस समय जिला में 4071 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। अब तक 6661 मीट्रिक टन की आवक हो चुकी है जिसमें से 2590 मीट्रिक टन की बिक्री हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2024 से मार्च 2025 तक एक लाख 4 हजार 800 मीट्रिक टन यूरिया की मांग की उम्मीद है। इस समय 35795 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। उपायुक्त के अनुसार डीएपी की तस्करी, कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिये टीम गठित की गई है। इसमें संबंधित क्षेत्र के उपमंडल अधिकारी (नागरिक)को नोडल अधिकारी, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, एसडीओ(कृषि), खंड कृषि अधिकारी को टीम का सदस्य मनोनीत किया गया है। यह टीम विक्रेताओं के यहां औचक निरीक्षण करेगी। उन्होंने विक्रेताओं से अपील की कि वे पीओएस मशीन के माध्यम से ही बिक्री सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि अंतर्राज्यीय व जिला सीमा पर खाद की तस्करी को रोकने के लिये पुलिस द्वारा नाके भी लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा विक्रेता किसानों को डीएपी के साथ अन्य कोई कीटनाशक जबरन न थोपें। डीएपी के वितरण में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जायेगी। वितरण में पारदर्शिता के लिये आधार कार्ड अथवा परिवार पहचान पत्र का सहारा लिया जा सकता है।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक वजीर सिंह, हैफेड के जिला प्रबंधक अमित कुमार, इफको के डा. निरंजन सिंह व मोहित, कृभको के कार्तिक खातियान, हैफेड के बिजेंद्र राठी, करनाल सहकारी बैंक के विकास गोयल के अलावा रवींद्र कुमार, जयदीप, योगेंद्र सिंह, श्यामसुंदर, सुनील एस राणा, डा. रोहित कुमार, ईश्वर गर्ग, राजेश गिरधर आदि ने भाग लिया।