मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस,वामपंथियों और चढु़नी को ठहराया आज की घटना का जिम्मेदार
मनोहर लाल खट्टर ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि किसान नहीं शरारती तत्व हैं इस घटना के जिम्मेदार
न्यूज डेक्स संवाददाता
करनाल,10 जनवरी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की कैमला गांव में जनसभा से पहले किसानों का गुस्सा इस कदर भड़का कि सारा पुलिस प्रशासनिक अमला धरा का धरा रह गया और किसानों ने पूरे आयोजन स्थल को कुरुक्षेत्र का मैदान बना डाला। खेतों के रास्ते किसानों का हुजूम आयोजन स्थल तक पहुंचा और मंच सहित पूरे सभास्थल को तहस नहस कर दिया। यह सब पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हुआ। पुलिस के मुलाजिमों के सामने हालात इस तरह के पैदा हो गये कि वे बल का प्रयोग करते तो यहां स्थित और भी नाजुक हो सकती थी। किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध करते हुए मंच पर चढ़ गये और कुर्सियां सोफे उठाकर पटकना शुरु कर दिया।
कैमला के सरपंच द्वारा जो हल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को देने के लिये यहां मंगाया गया था,उसे भी किसान उठाकर ले गये। किसानों का गुस्सा यहीं नहीं था,इन्होंने उस हैलीपैड को भी खोद डाला जहां,मुख्यमंत्री के हैलिकाप्टर को उतरना था। इससे पहले प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के लिये तैयार किया गया हैलीपैड भी किसानों द्वारा खोदा जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इसे कांग्रेस और वामपंथियों सहित कुछ शरारती तत्वों की हिमाकत करार दिया है। मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता कर इस घठना की निंदा की है।
उन्होंने अपनी प्रेस कांफ्रैंस के जरिये आज की सभा के आयोजनकर्ताओं और मीडिया का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज जो हुआ वह अच्छा नहीं हुआ। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढु़नी पर भी सीधे तौर पर इस घटना को उकसा कर जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि आज की घटना के लिये कोई किसान नहीं,बल्कि आंदोलन के रास्ते अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके उन नेताओं का खेल है,जोकि इस आंदोलन के जरिये अपनी खोई हुई जमीन पर काबिज होना चाहते हैं,मगर यह नहीं होगा। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिये लाभदायक हैं। शुरुआत में व्यापारियों ने जीएसटी का भी यूं ही विरोध किया था,मगर आज जीएसटी देशभर के व्यापारियों के लिये लाभदायक साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैमला की जनसभा में वह जो संदेश देना चाहते थे, उनसे पहले भाजपा के नेतागण वहां पहुंच कर अपने अपने भाषण के जरिये कह चुके थे,मगर वहां जो हालात पैदा हुए,उसे देखकर उन्होंने वहां जाना उचित नहीं समझा। आज उन्हें वहां करोड़ों रुपये की योजना का उद्घाटन और शिलान्यास करना था,मगर आज नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि वह तो रिमोट के जरिये अगले दिनों में करेंगे ही,क्योंकि विकास कार्यों की गति जारी रहेगी।