रागनी एक प्रतिभा का मंच साथ ही बल्कि एक पर्व मंच
ओपन एयर थियेटर में प्रोफेशनल रागनी प्रतियोगिता
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र। हरियाणा में रागनी का अलग ही महत्व है जिससे प्रदेश की संस्कृति, इतिहास और सामाजिक मुद्दों का दर्पण का उल्लेख किया जाता रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक रत्नावली समारोह के अंतिम दिन ओपन एयर थिएटर में प्रोफेशनल रागनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ओपन एयर थियेटर में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे भाजपा नेता एवं केयू के पूर्व छात्र गुलाब सिंह सैनी ने कहा रागनी हरियाणा लोक कला एक विशिष्ट विधा है तथा रत्नावली के माध्यम से केयू इसे जीवंत करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने प्रसिद्ध लोक कलाकार बाली शर्मा, नरेंद्र डांगी तथा विकास को हरियाणा की संस्कृति को कनाडा में पहचान दिलवाने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया। इस मौके पर लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने उनका स्वागत एवं परिचय करवाया।
लोक कलाकार गायक बाली शर्मा ने भगवान और मनुष्य का संबंध विषय पर रागनी सुनाई। सांस में सांस में तू ही समाया, सबके अंदर तेरा ही साया’ से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होने अपनी रागनी में सावित्री के अपने पति की खोज की कथा सुनाई। उन्होंने सावित्री के प्रेम और उसकी दृढ़ता को बड़ी भावुकता के साथ प्रस्तुत किया। इसके साथ उन्होने भजन के माध्यम से ‘वर जोड़ी का पाव’ भी सुनाई। इसी के साथ ही उन्होंने हास्य व्यंग्य चुटकुलों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोक कलाकार उदीयमान अपने सुर और बोल के माध्यम से सभी को मनमोहित किया।
रागनी प्रतियोगिता में लोक कलाकार नरेंद्र डांगी ने अपने भजनों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण और गाय के पवित्र संबंध का बखान किया। उन्होंने अपनी रागनी के द्वारा बताया कि श्रीकृष्ण अपने गांव में गायों को चराते थे और उनके दूध को अमृत के समान बनाकर पीते थे।
इस अवसर पर लोक कलाकार विनोद सातरोड़ हरियाणा की संस्कृति पर रागनी सुनाई। उन्होंने अपनी रागनी के माध्यम से कहा कि हरियाणा की पहचान श्री गीता का ज्ञान और योग की संस्कृति से है। उन्होंने अपने सुर और बोल के माध्यम से सभी को मनमोहित किया। उन्होंने कहा कि ये मुकाबला ना सिर्फ एक प्रतिभा का मंच है, बल्कि एक पर्व है। रागनी प्रतियोगिता में इन अनुभवी आवाजों ने न केवल मंच बल्कि दर्शकों के दिलों में भी एक खास जगह बना ली।