डा. स्वामी चिदानंद ने मनुष्य के विचारों एवं भावनाओं पर चर्चा की
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । अंतर्राष्ट्रीय गीता मिशन ओडिशा के अध्यक्ष संत डा. स्वामी चिदानंद ने सत्संग के अवसर पर कहा कि विचारों की संकीर्णता जीवन की महानता के पथ में बाधक का कार्य करती है। ऊंची आवाज नहीं अपितु ऊंची सोच ही व्यक्ति को महान बनाती है। बिना ऊंची सोच के ऊंचे लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं है। उन्होंने मनुष्य के विचारों एवं भावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि मनुष्य की सोच ही उसके लक्ष्य का निर्धारण करती है। इसलिए श्रेष्ठ लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विचारों की संकीर्णता को त्याग कर अपनी सोच भी ऊंची होनी चाहिए। डा. स्वामी चिदानंद ने कहा कि संकीर्ण विचार गेहूं के दानों में लगे उस घुन के समान हैं जो बाहर से सामान्य दिखने के बावजूद भी किसी व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला कर देते हैं। ऊंची आवाज रखने से आप लोगों की नजरों में तो आ सकते हैं परन्तु लोगों के दिलों में नहीं। ऊंची सोच ही व्यक्ति को महान बनाती है, ऊंची सोच ही व्यक्ति जीवन में अपने कार्यों में सफलता हासिल कर श्रेष्ठ लक्ष्य को प्राप्त करता है। ऊंची सोच से ही व्यक्ति हर किसी के दिल में जगह बना पाता है।