प्रधानमंत्री मोदी भी अक्सर करते हैं आचार्यश्री की तपोस्थली गुरुकुल कुरुक्षेत्र की चर्चा
गुरुकुल में पूर्व छात्र मिलन सम्मेलन में 500 से ज्यादा पूर्व छात्र पहुंचे, आचार्यश्री के तप, तपस्या और त्याग को सराहा
कल आर्य महासम्मेलन में मुख्यमंत्री नायब सैनी रहेंगे मुख्य अतिथि
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । गुरुकुल कुरुक्षेत्र से शिक्षा प्राप्त कर हजारों छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित किये हैं। कोई बड़ा उद्यमी बना तो कोई बड़ा डाक्टर है, किसी ने इंजीनियरिंग की है तो कोई वकालत के माध्यम से लोगों को न्याय दिलाने का कार्य कर रहा है। आप जिस क्षेत्र में कार्यरत है पूरी ईमानदारी से लगन से अपने कार्य को करते रहे, यही गुरुकुलीय शिक्षा का मूल है। उक्त शब्द गुरुकुल में ‘पूर्व छात्र मिलन सम्मेलन’ को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल आचार्यश्री देवव्रत ने कहे। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपने संतोष के स्तर को विकसित कर लिया पास उसे उन्नति के शिखर पर जाने से कोई नहीं रोक सकता। आचार्यश्री ने कहा कि आज बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कारों की दीक्षा देना बेहद आवश्यक है जो केवल गुरुकुलों के माध्यम से ही संभव है। ये गुरुकुल में मिले संस्कारों का ही प्रभाव है कि इतनी बड़ी संख्या में गुरुकुल के पूर्व छात्र देश के बड़े-बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं देकर राष्ट्र की उन्नति में सहयोग कर रहे हैं। समारोह में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के संरक्षक कन्हैयालाल आर्य, प्रधान देशबन्धु आर्य, गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक ब्रिगेडियर डाॅ. प्रवीण कुमार, प्राचार्य सूबे प्रताप, रामनिवास आर्य सहित भारी संख्या में पूर्व छात्र मौजूद रहे।
प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए आचार्यश्री ने सभी पूर्व छात्रों को देशहित में प्राकृतिक कृषि को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि खेतों में कीटनाशक और पेस्टीसाइड का प्रयोग बंद नहीं हुआ तो भावी पीढ़ी के लिए न तो उपजाऊ जमीन बचेगी और न ही पीने योग्य पानी। लोगों को कैंसर, हार्ट अटैक, बीपी, शुगर जैसी जो बीमारियों हो रही है। वह इन्हीं पेस्टीसाइड और कीटनाशकों के कारण है, इन्हें तुरन्त बन्द करना चाहिए। राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पूर्व छात्रों को मोमेंटों देकर सम्मानित किया गया।
डाॅ0 विद्यालंकार ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने गुरुकुलरूपी जिस बगिया को लगाया था आचार्य देवव्रत ने उसे अपने खून-पसीना से सींचकर आज इस मुकाम पर पहुंचाया है कि आज यह संस्थान बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का पर्याय बन गया है। अभिभावकों का विश्वास है कि यदि हमारे बच्चे का एडमिशन गुरुकुल कुरुक्षेत्र में हो गया तो उसके केरियर की चिंता करने जरूरत नहीं है। आचार्य देवव्रत जी के मार्गदर्शन में आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र देश का विख्यात शिक्षण संस्थान बना है जिसकी चर्चा देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी अक्सर अपने व्याख्यानों में करते हैं। यह समस्त गुरुकुल परिवार के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने पूर्व छात्रों से आग्रह किया कि वे लगातार गुरुकुल से जुड़े रहे और जब भी समय मिले अपने अनुभव, अपने संघर्ष की कहानी गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्रों को सुनाए जिससे उन्हें एक प्रेरणा मिलेगी और वे एक नई ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ेंगे।
बिग्रेडियर डाॅ0 प्रवीण कुमार ने सभी पूर्व छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि पुराने छात्र प्रतिवर्ष इस प्रकार के कार्यक्रम करें, ऐसा वे भविष्य में प्रयास करेंगे साथ ही एक संगठन बनाए और समाज व देश हित के कार्यों में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि गुरुकुल के पुराने छात्रों ने बहुत कम संसाधनों में अपने अध्यापकों के मार्गदर्शन में कठिन परिश्रम किया और कामयाबी की नई इबारत लिखी जिसका परिणाम है कि आज यह गुरुकुल सफलता के शिखर पर विराजमान है। उन्होंने बताया कि गुरुकुल की एनडीए विंग से इस बार 17 बच्चों ने एसएसबी क्लियर किया है जो एक बड़ा रिकार्ड है। इसके अलावा 25 बच्चों ने आईआईटी, एनआईटी और नीट जैसी जटिल परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्होंने सभी पूर्व छात्रों से गुरुकुल से जुड़े रहने का आग्रह किया।
पूर्व छात्र मिलन समारोह में 1992 से 2022 बैच तक के पूर्व छात्र गुरुकुल पहुंचे। इनमें आॅटोमोबाइल सैक्टर में कार्यरत रंजन ठाकुर, दिल्ली से डाॅ. विकास खटकड़, एसिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ0 देवेन्द्र सिंह, डाॅ0 विकास कुमार, महेश ठाकुमर, बृजेश कुमार आदि ने अपने अनुभव सांझा किये। ज्ञात रहे गुरुकुल में दो दिवसीय भव्य समारोह चल रहा जिसमें रविवार 10 नवम्बर को आर्य महासम्मेलन में महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी व हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शिरकत करेंगे।