कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डायरी सहित वार्षिक व धरोहर कैलेण्डर का किया विमोचन
कुवि में हवन यज्ञ कर मनाया स्थापना दिवस
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 11 जनवरी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएं बनने में वर्षो नहीं दशकों लगते हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की लम्बी सूची है। प्रबुद्धजनों व महान् लोगों की सोच के कारण ही आज विश्वविद्यालय इस मुकाम तक पहुंचा हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की उन्नति में किए गए योगदान के लिए सभी पूर्व कुलपतियों, विद्वजनों, शिक्षकों, कर्मचारियों का आभार प्रकट किया व नमन किया।
कुलपति ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्य संस्कृति व इससे बनकर निकले विद्यार्थियों के कारण यह विश्वविद्यालय देश में ही नहीं विश्वभर में जाना जाता है। हरियाणा प्रदेश को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पर गर्व है। समृद्ध खुशहाल व सम्पन्न हरियाणा की पहचान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय है। वे सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सामुदायिक केन्द्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आज 64 वर्षो की लम्बी यात्रा के बाद हम अपने विश्वविद्यालय पर गर्व कर सकते हैं। कुलपति ने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों से अपील की कि वे उत्कृष्टता हासिल करें व विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए सभी से आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर एफर्ट जोन में आए तभी हमें कामयाबी मिलेंगी। इसके लिए हमें नई उर्जा, नए उत्साह के साथ सतत् प्रयास करने की जरूरत है।
कुलपति ने कहा कि ए-प्लस ग्रेड कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को वर्ल्ड क्लास आधारभूत ढांचा प्रदान करता है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का आडिटोरियम हॉल एशिया में प्रथम स्थान रखता है। विश्वविद्यालय में स्थित खेल मैदान, जिम्नेजियम हॉल, ग्रीन कैम्पस व अन्य सुविधाएं शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। विश्वविद्यालय स्थित धरोहर म्यूजिम आज पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। विभिन्न राष्ट्रीय एंजेसियों ने अपनी ग्रेडिंग में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल किया है। अब हम देश के चुनिंदा 10 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हैं। इसलिए विश्वविद्यालय से समाज की अपेक्षाएं भी अलग तरह की हैं। पिछले कुछ वर्षो में शोध व शिक्षण के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की पहचान बढ़ी है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक, खेल व संस्कृति, सामाजिक जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है। विश्वविद्यालय ने खेल के क्षेत्र में 12 अर्जुन अवार्डी, 5 द्रोणाचार्य अवार्डी व 1 ध्यानचंद अवार्डी देश को दिए हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय बेटी बचाओ, बेटी पढाओं शिक्षित बेटी, सिंगल गर्ल चाइर्ल्ड, स्वच्छ भारत अभियान में भी अपनी भूमिका निभा रहा है।
कुलपति ने कहा कि आज इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भारत में ही नहीं दुनियाभर में उच्च पदों पर आसीन हैं। यह विद्यार्थी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ब्रांड एम्बेसडर हैं। विद्यार्थी ही सही अर्थो में किसी विश्वविद्यालय की पहचान होते हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का ग्रीन व क्लीन कैम्पस उन्हें आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान में हमारे शिक्षक, विद्यार्थियों व कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई है। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि विश्वविद्यालय के हितों को देखते हुए आज हमें आत्मावलोकन करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को ऐसे सभी एल्यूमनी के लिए एक मंच तैयार करना चाहिए जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। वे विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभवों को सांझा करेंगे तो इससे विश्वविद्यालय व विद्यार्थियों को फायदा होगा। इस अवसर पर सामुदायिक केन्द्र में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यातिथि प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय के वार्षिक कैलेंडर, डायरी व धरोहर कैलेंडर का विमोचन किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ किया गया। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 64 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित किया।
इस अवसर पर पहली बार स्थापना स्थल पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों व गैर-शिक्षक कर्मचारियों को सामूहिक चित्र भी लिया गया। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा सहित सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने किया। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने सभी का धन्यवाद प्रकट किया। इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ, डीन आफ कॉलेज प्रो. अनिल वोहरा सहित सभी संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, निदेशक, शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
स्थापना दिवस पर प्रदर्शनी रही आकर्षण का केन्द्र
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा विश्वविद्यालय की 64 वर्षों की एतिहासिक यात्रा को प्रदर्शनी के माध्यम से जीवन्त किया गया। प्रर्दशनी में 1957 से लेकर 2021 तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इतिहास की झलकियों को चित्रों के रूप में प्रदर्शित किया गया। इस प्रर्दशनी में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 38 कुलपति तथा एतिहासिक कार्यक्रमों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में 64 वर्षो के इतिहास को 100 से अधिक चित्रों में दर्शाया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से विश्वविद्यालय के इतिहास को जिस तरीके से प्रदर्शित किया गया है वह अपने आप में अभूतपूर्व प्रयास है।