ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर की पवित्रता हर कीमत पर रखी जाए बरकरार : अशोक अरोड़ा
कहा, जनता को डेंगू के प्रकोप से बचाने की बजाए आंकड़ों के खेल में उलझी हुई है सरकार
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र। एक लंबे अरसे के पश्चात थानेसर के कांग्रेसी विधायक अशोक अरोड़ा ने हरियाणा विधानसभा के सत्र के दौरान थानेसर हलके की समस्याओं व अन्य जनहित के मुद्दों को बड़े ही प्रभावशाली ढंग से उठाया। विधायक अशोक अरोड़ा द्वारा हलके की समस्याओं को विधानसभा मे जोरशोर से उठाने पर उनकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। अरोड़ा ने थानेसर में फैल रहे डेंगू के प्रकोप, बिगड़ती कानून व्यवस्था, डीएपी खाद का संकट, एमएसपी का मुद्दा, पराली जलाने की समस्या, ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर की पवित्रता बरकरार रखने और गीता जयंती का व्यवसायीकरण करने, नगर परिषद में कौशल रोजगार निगम के तहत लगाए गए कर्मचारियों की जांच करने, बेसहारा गौवंश के कारण लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने व मारे जाने जैसे मुद्दों को विस अध्यक्ष के समक्ष उठाया।
अशोक अरोड़ा का कहना है कि डेंगू के प्रकोप के कारण जनता में हा-हाकार मची हुई है। सारे अस्पताल मरीजों से भरे पडे हैं। सरकार ने फोगिंग करवाना बंद कर रखा है। उनका आरोप है कि सरकार जनता को डेंगू के प्रकोप से बचाने की बजाए आंकडों के खेल में उलझी है और डेंगू के आंकडे कम दिखाकर अपनी पीठ थपथपा रही है। उनका कहना है कि थानेसर नगर परिषद स्वस्छता सर्वेक्षण में हरियाणा में सबसे नीचले पायदान पर आई है। समय रहते नालों की सफाई नही करवाई गई। नगर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है जोकि परिषद मे सफाई व्यवस्था के नाम पर करोडों का खेल हुआ है। यदि समय रहते नगर की सफाई व्यवस्था नालों व नगर की सफाई करवा दी जाती तो जनता को डेंगू के प्रकोप से बचाया जा सकता था।
अरोड़ा ने सरकार के बिना खर्ची पर्ची के नौकरी देने की खोली पोल
अरोड़ा ने सरकार के बिना पर्ची खर्ची के नौकरी देने के दावों की पोल खोलते हुए कहा कि नगर परिषद थानेसर मे लगभग 50 कर्मचारी कौशल रोजगार निगम के तहत लगाए गए हैं, यह कर्मचारी किसके कहने पर रखे गए, इस मामले की जांच करवाने की मांग भी अरोड़ा ने विधानसभा में की। अरोड़ा ने बताया कि उन्होने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष डीएपी खाद की कमी, किसानों को धान की फसल का एमएसपी न मिलना और नमी के नाम पर पैसों की कटौती करने जैसे मुद्दे भी उठाए। इस मामले की जांच करवाने की भी उन्होने मांग रखी। उनका कहना है कि पराली जलाने के नाम पर किसानों पर जुर्माना किया जा रहा है। उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जा रही है और दो साल के लिए उनका पोर्टल बंद किया जा रहा है। देश के कानून में एक दोष की एक सजा होती है लेकिन भाजपा के राज में एक दोष की किसानों को तीन सजाएं दी जा रही हैं।
बेसहारा गौवंश के कारण चोटिल हो रहे लोग
नगर मे सडकों पर घूम रहे बेसहारा गौवंश की समस्या उठाते हुए अरोड़ा ने कहा कि बेसहारा गौवंश के कारण जहां लोग अकाल मृत्यु का शिकार हो रहे हैं और चाटिल हो रहे हैं लेकिन नगर परिषद इस ओर कोई ध्यान नही दे रही है। उन्होने कहा कि कुरुक्षेत्र में गीता जयंती के अवसर पर ब्रह्मसरोवर के तट पर फूड कोर्ट दिए जा रहे हैं जिससे वहां खाने वाले लोग डोने व पत्ते इत्यादि सरोवर में डाल देते हैं जिससे सरोवर की पवित्रता भंग होती है। इसी प्रकार सन्निहित सरोवर में सिवरेज का पानी जा रहा था जिसकी आवाज उन्होने केडीबी के सामने धरना देकर उठाई थी। अरोड़ा ने कहा कि केडीबी पैसे कमाने के नाम पर गीता जयंती का व्यवसायीकरण कर रहा है। उन्होने मांग रखी कि ब्रह्मसरोवर व सान्निहित सरोवर की पवित्रता बरकरार रहनी चाहिए।
10 साल से हुडा ने नही काटे सेक्टर
अरोड़ा ने कहा कि पिछले लगभग 10 वर्षों से हुडा ने कोई सेक्टर नही काटा। हुडा जरूरतमंद लोगों को बिना लाभ व हानि के प्लाट देता रहा है इसमें आर्थिक रूप से पिछडा वर्ग के लोगों का भी कोटा होता है। प्राईवेट कॉलोनियों में जमीनों के भाव आसमान को छू रहे हैं। हरियाणा सरकार हुडा के सेक्टर नही काट रही जिससे गरीब लोगों के लिए मकान बनाना दूभर हो गया है। थानेसर हलके की कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि विस चुनाव के दौरान थानेसर में एक युवक की दोनो टांगे तोड दी गई पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन आज तक उस युवक की टांगे तोडने वालों को गिरफ्तार नही किया गया। थानेसर में व्यापारियों से फिरोतियां मांगी जा रही है। आईलेट्स सेंटरों पर गोलियां चलती है। अनेक व्यापारी व डॉक्टर पुलिस सुरक्षा लिए हुए हैं। किसी की जानमाल सुरिक्षत नही है। अरोड़ा ने कहा कि वह समय-समय पर अपने हलके की समस्याओं और जनहित के मुद्दों को लेकर विधानसभा में आवाज उठाते रहेंगें।