राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर सामूहिक चर्चा में पत्रकारों ने सांझा किए अनुभव
एनडी हिन्दुस्तान
रेवाड़ी। देश की आजादी से पहले और आजादी के बाद में पत्रकारिता का राष्ट्र के विकास में अहम योगदान है। आजादी की लड़ाई में तो बहुत से ऐसे महान पत्रकार भी थे, जिन्होंने अपना सर्वस्व त्याग करके देश को स्वतंत्रता दिलाई। रेवाड़ी की बलिदानी धरती से बाबू बाल मुकुंद गुप्त जैसे पत्रकारों का नाम आज भी सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर स्थानीय लघु सचिवालय में आयोजित सामूहिक चर्चा के दौरान विभिन्न समाचार पत्र एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समूह के वरिष्ठ पत्रकार साथियों ने यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 16 नवंबर का यह दिन इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसी दिन नसीबपुर क्षेत्र में आजादी की लड़ाई के दौरान इस क्षेत्र के लोगों ने अंग्रेजों के साथ बड़ी ही वीरता के साथ लड़ाई लड़ी और इस लड़ाई में लगभग 5000 के करीब लोगों ने अपनी शहादत दी। इसलिए आज का यह दिन इन शहीदों को भी नमन करने का अवसर है।
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के उपनिदेशक सुरेंद्र सिंह सैनी ने सभी पत्रकार साथियों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बधाई देते हुए कहा कि समाज के प्रहरी के रूप में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सबसे अधिक विपरीत परिस्थितियों में बेहद कुशलता के साथ कार्य करने में जिसका नाम आता है वह पत्रकारिता का क्षेत्र है, पत्रकार ही जनता को सूचना संपन्न बनाते हैं। इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी उल्लेख किया गया और उनमें संशोधन हेतु सुझाव भी दिए गए। इन सुझावों को चंडीगढ़ मुख्यालय के साथ सांझा कर आगामी कार्रवाई की जाएगी।