न्यूज डेक्स संवाददाता
सियासत और फिल्म उद्योग से जुड़े अनगिनत किस्सों अमर किरदार अमर सिंह 64 साल की आयु में परलोक सिधार गये। बेशक वे पहले भी मुलायम सिंह से यादव से मिल चुके थे,मगर उनका सियासी सफर जहाज से शुरु हुआ था। करीब से जानने वाले बताते रहे हैं कि 1996 में अमर सिंह की मुलायम सिंह यादव से सियासी मुलाकात प्लेन में हुई थी। हवाई जहाज की यात्रा बीच हुई इस मुलाकात के बाद अमर सिंह ना केवल समाजवादी हो गये थे,बल्कि 1996 में ही समाजवादी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भी भेजा था। 27 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश के ठाकुर परिवार में जन्मे अमर सिंह को करीब से जानने वाले दोस्तों का दोस्त और दुश्मनों को दुश्मन…बताते रहे हैं। नसीब वाले अमर सिंह के जीवन चरित्र पर यह कथन इसलिये भी सटीक बैठता है कि उनका लगाव कारोबार और राजनीति के साथ फिल्मी दुनिया से भी उतना ही गहरा रहा। अमर सिंह के जीवन के कई महत्वपूर्ण पल फिल्मी पार्टियों और ग्लैमर के बीच से होकर गुजरे। जया प्रदा और बिग बी फैमली सहित अनेकों हीरो हिरोइनों के साथ उनके करीबी रिश्ते रहे। अमर सिंह के ऊपर ये फिल्मी दुनिया का असर था कि वो गाहेबगाहे राजनीतिक मंचों और मीडिया भेंटवार्ता में भी फिल्मी संवादों और गीतों के साथ शायरी के जरिये भी विरोधियों पर तीखे व्यंग्यबाण छोड़ कर अपनी बात मुस्कान बिखरते हुए कम शब्दों में कह जाते थे। 14 बरसों तक मुलायम परिवार से अमर सिंह की करीबी दुनिया ने देखी,मगर 2009 में फिरोजाबाद से डिंपल यादव की लोकसभा चुनाव में हार के बाद मुलायम भी उनके प्रति इतने कठोर हुए कि फरवरी 2010 में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अमर सिंह के रिश्ते हर राजनीतिक दल के नेता से गहरे रहे। उनकी पहचान एक कुटिल राजनेता की रही। अमर सिंह की राणनीति,अंदाज और शैली विरोधियों कई मोर्चों पर विरोधियों पर भारी पड़ी। मगर जब उन्होंने अपना राजनीतिक दल खड़ा किया,वो किसी काम नहीं आई। 2016 में एक बार फिर बर्फ पिंघली और मुलायम अमर करीब हुए,मगर पहले जैसी जुगलबंदी दुबारा दिखाई नहीं दी। विरोधियों को लगने लगा था कि अब अमर सिंह पहले जैसे ना रहे। समझा जा रहा था कि उनके तरकश के तीर कुंद हो चले,मगर फिर उन्होंने विरोधियों को फिर चौंकाया,क्योंकि उनकी सुर अब भाजपा के औजस्वी तेजस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिल सुर तेरा हमारा का आभास करा रहे थे। मगर किडनी की गंभीर बीमारी ने इन सुरों को दबा दिया और उनका विदेश में उपचार चल रहा था। अमर सिंह ने अपना जीवन शानदार अंदाज में जिया,मगर पिछला यह दशक संभवतःउनके जीवन के लिये बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव भरा रहा,चाहे वह पिछले एक दशक की शुरुआत में ही पार्टी से निकाले जाने की घटना हो या इसी के कुछ समय की जेल यात्रा के अंश या फिर निजी राजनीतिक दल का बनना हो और उसका फ्लाप होने से लेकर बीमार पड़ना और आखिरकार दुनिया को अलविदा कहना। अमर सिंह की अमर विवाद गाथाओं पर अब एक अगस्त के घटनाक्रम के साथ हमेशा हमेशा के लिये पूर्ण विराम लग चुका है। इस घटना की सूचना आने के बाद से उनके करीबी, चाहने वाले और समर्थक भगवान से उनकी आत्मिक शांति के लिये प्रार्थनाएं कर रहे हैं। परिवार को ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा हुआ है। मुख्यधारा के मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता को कि जो चेहरा कारोबार,राजनीति और फिल्मी दुनिया का संगम था,अब सदा सदा के लिये लुप्त हो चुका है।