नन्हे बच्चों ने खेलों में दिखाई प्रतिभागिता एनडी हिन्दुस्तान
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कुरुक्षेत्र । आज के भाग दौड़ के जीवन में भी खेल शरीर को चुस्त दरुस्त रखने के लिए जरूरी है। भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों के अनुसार भी खेल जीवन का अभिन्न अंग हैं। खेलों से जहां शारीरिक विकास संभव है, उसी के साथ-साथ सामाजिक, नैतिक, संज्ञानात्मक एवं चरित्र का निर्माण भी होता है। इसी के मद्देनजर श्रीमद्भगवद्गीता प्राथमिक विद्यालय बालघर में शनिवार को वार्षिक खेल दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें सभी नन्हे नन्हे बच्चों की सहभागिता रही। खेल दिवस का शुभारंभ विद्यालय प्रधानाचार्या चेतना वशिष्ठ एवं नन्हे बच्चों द्वारा मार्च पास्ट के साथ किया गया। इस अवसर पर विभिन्न खेल आयोजित किए गए जिनमें बैलून, पोप रेस, बोतल रेस, गेंद लेना, कैंडी रेस, हर्डल रेस, बनाना रेस, जंप रेस, मेंढक रेस इत्यादि प्रमुख रहे। सभी बच्चों ने भरपूर उत्साह के साथ खेलों में अपनी प्रतिभागिता दी। आचार्या बीना द्वारा मंच संचालन करते हुए लगातार नन्हे बच्चों का उत्साहवर्धन किया गया। बच्चों ने खेलों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रबंधक जीवन मौदगिल, कोषाध्यक्ष धीरज गोयल एवं विद्यालय प्रधानाचार्या चेतना वशिष्ठ मौजूद रहे। उनके द्वारा बच्चों का उत्साह वर्धन किया गया एवं उन्हें प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने बताया कि खेल, खेल की भावना से खेलना चाहिए, हार जीत के लक्ष्य से नहीं। उन्होंने बताया कि खेलों से हमारे अंदर समूह भावना एवं कुशल नेतृत्व का भी विकास होता है। हमें हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने सभी आचार्यों, कर्मचारी एवं बच्चों को खेल दिवस के सफल आयोजन की बधाई दी एवं उनके कार्यों की सराहना भी की।