तीन दिवसीय संगीत सम्मेलन में प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायक व गायिकाएं अपने गायन की मधुर स्वर लहरियों से समां बांधेगें संगीत प्रेमियों का
एनडी हिंदुस्तान
चंडीगढ़ – इंडियन नेशनल थियेटर द्वारा दुर्गा दास फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय 46वां वार्षिक संगीत सम्मेलन 8 नवम्बर से 10 नवम्बर तक सेक्टर 26 स्थित स्ट्रोबरी फील्डस हाई स्कूल के सभागार में आयोजित किया जायेगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए इंडियन नेशनल थियेटर के प्रेसिडेंट अनिल नेहरू व मानद सैक्रेटरी विनीता गुप्ता ने बताया कि पहले दिन 8 नवम्बर को सायं 6ः00 बजे शास्त्रीय संगीत गायिका रुतुजा लड अपने गायन की प्रस्तुति देंगी। जिनके पश्चात शास्त्रीय संगीत गायक अतुल खांडेकर प्रस्तुत करेंगी। वहीं 9 नवम्बर को सायं 6ः00 बजे शास्त्रीय संगीत गायिक पंडित प्रशांत मल्लिक और पंडित निशांत मल्लिक, जो मल्लिक बंधुओं के नाम से जाने जाते हैं, अपने ध्रुपद गायन प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे जबकि इसी दिन देश की प्रथम महिला प्रसिद्ध इंडियन क्लासिकल स्लाइड गिटार संगीतकार विदुषी डाॅ कमला शंकर अपनी प्रस्तुति देंगी। उनके पास शंकर स्लाइड गिटार का आविष्कार करने का श्रेय भी हैं। सम्मेलन के अंतिम दिन 10 नवम्बर को प्रातः 11 बजे शास्त्रीय संगीत गायिका चेतना पाठक अपने गायन की प्रस्तुति देंगीं।
विनीता गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन 8 नवम्बर को शास्त्रीय संगीत गायिका रुतुजा लाड श्रोताओं को अपनी गायन प्रस्तुति देंगी। रुतुजा को उनके माता-पिता तनुजा लाड और उमेश लाड ने 5 साल की उम्र से ही संगीत की शिक्षा लेने की प्रेरणा दी। बाद में, उन्होंने जयपुर अतरौली घराने की प्रसिद्घ गानयोगिनी धोंडुताई कुलकर्णी से गायन सीखा और 2014 में उनके निधन तक उनके संरक्षण में रहीं। जिसके पश्चात उन्होंने विदुषी अश्विनी भीड़े संगीत शिक्षा आरंभ की और वर्तमान में भी ले रही हैं। उन्होंने दादर माटुंगा कल्चरल सेंटर, भवन्स कल्चरल सेंटर, हृदयेश आर्ट्स, आईएनटी आदित्य बिड़ला सेंटर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स, सबर्बन म्यूजिक सर्कल, गानयोगिनी महोत्सव आदि द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में प्रदर्शन किया है। वह वर्तमान में एस.एन.डी.टी. विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संगीत विभाग की विजिटिंग फैकल्टी सदस्य हैं।
वहीं इसी दिन शास्त्रीय संगीत गायक अतुल खांडेकर अपनी प्रस्तुति श्रोताओं के समक्ष देंगे। अतुल खांडेकर ने विश्व प्रसिद्ध ग्वालियर घराने की गायिका डाॅ वीना सहस्त्रबुद्धे के मार्गदर्शन में संगीत की तालीम ली, जिन्होंने गायकी, लयकारी, मींड, तान क्रिया आदि के विभिन्न पहलुओं की शिक्षा दी। खांडेकर ने सुप्रसिद्ध रंगमंच अभिनेत्रियों गायिकाओं जिनमें स्वर्गीय जयमालाबाई शिलेदार और कीर्ति शिलेदार से नाट्यसंगीत का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया, जयमालाबाई ने अतुल को बालगंधर्व (गंधर्व गायकी) की शैली में नए दृष्टिकोण से प्रशिक्षित किया अतः इनकी गायकी में विभिन्न शैलियों का समावेश झलकता है।
विनीता गुप्ता ने बताया कि दूसरे दिन 9 नवम्बर को पंडित प्रशांत और पंडित निशांत मल्लिक जिन्हें मल्लिक ब्रदर्स के नाम से जाना जाता है, अपने गायन की प्रस्तुति देंगे। मल्लिक ब्रदर्स दरभंगा घराने के प्रतिष्ठित संगीत परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जो 450 साल से भी ज्यादा पुरानी संगीत परंपरा है और वे इस संगीत वंश की 13वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने कई संगीत गुरुओं को जन्म दिया है। ध्रुपद संगीत में उनका प्रशिक्षण उनके पिता प्रो. पंडित प्रेम कुमार मल्लिक, जो प्रसिद्ध ध्रुपद गायक थे, के संरक्षण में कम उम्र में ही शुरू हो गया था। बाद में उन्हें अपने दादा ध्रुपद के दिग्गज पंडित विदुर मल्लिक से ध्रुपद गायकी की बारीकियाँ सीखने का सौभाग्य भी मिला। मल्लिक ब्रदर्स वर्तमान में हमारे देश के सबसे ज्यादा मांग वाले ध्रुपद गायकों में से एक हैं। मल्लिक बंधु ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के ध्रुपद संगीत के “टॉप” ग्रेड कलाकार हैं और उन्होंने भारत और विदेशों में कई प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में प्रदर्शन कर सम्मानित किया गया है।
मल्लिक ब्रदर्स की गायन प्रस्तुति के उपरांत शास़्त्रीय संगीत वादिका विदुषी डॉ. कमला शंकर जो कि एक प्रथम महिला भारतीय शास्त्रीय स्लाइड गिटार वादिका हैं, अपने वादन की प्रस्तुति देंगी। विदुषी डॉ. कमला हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अपने मधुर गायन से दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया है। उनको शंकर स्लाइड गिटार का आविष्कार करने का श्रेय दिया जाता है। वह अपने वाद्य यंत्र पर अपने जबरदस्त नियंत्रण और बहुमुखी प्रतिभा के साथ-साथ संगीत की गहराई को दर्शाने वाली कलाकारा जानी जाती हैं। उनके पास गायक अंग शैली बजाने की असाधारण और स्वाभाविक क्षमता है। उनके संगीत को लोकप्रिय रूप से गायन गिटार के रूप में जाना जाता है।
इंडियन नेशनल थियेटर के प्रेसिडेंट अनिल नेहरू ने बताया कि सम्मेलन के अंतिम दिन डॉ. चेतना पाठक किराना घराने की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका अपना गायन प्रस्तुत करेंगी, जो कि पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता माननीय डॉ. प्रभा अत्रे की परम शिष्या हैं। वह किराना घराने के पथप्रदर्शकों में से एक हैं, जिन्हें उनकी मां मदना और पिता रामनारायण ने आठ साल की उम्र में संगीत की शिक्षा दी थी। चेतना को ग्वालियर घराने के उस्ताद पंडित बाला साहेब पूंछवाले से टप्पा गायकी की शिक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। चेतना क्लासिकल वोकल और लाइट क्लासिकल वोकल (ठुमरी, दादरा, टप्पा) श्रेणियों में ऑल इंडिया रेडियो द्वारा ए ग्रेड कलाकार हैं।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कलाकारों के साथ तबले पर विनोद लेले तथा हारमोनियम पर प्रोमिता मुखर्जी, जबकि पखावज पर गौरव शंकर उपाध्याय संगत करेंगे। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन सभी संगीत प्रेमियों के लिये आयोजित किया जा रहा है जिसमें निःशुल्क प्रवेश रहेगा।