Friday, November 22, 2024
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स्वामी विवेकानंद ने भारत को पश्चिमी देशों में दिया नया नाम- स्पीकर

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स संवाददाता

पंचकूला, 12 जनवरी। आज राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर-1 में स्वामी विवेकानंद जी की 158वीं जयंती मनाई गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पंचकूला ने इसका आयोजन किया। जयंती पर हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने स्वामी विवेकानंद को पुष्पांजलि और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में बोलते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि स्वामी विवेकानंद वैचारिक भारत के निर्माता थे। उन्होंने समाज से धर्म, जात-पात के भेदभाव को समाज से दूर करने का काम किया और नये समाज का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने युवाओं को उठो जागो, आगे बढ़ो, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो तब तक बढ़ते जाओ। किसी भी देश की तरक्की युवाओं पर निर्भर होती है, जिस दिशा में युवा जाते है, देश भी उसी दिशा में अग्रसर होता है।

उन्होंने समाज को समस्याओं से भागने की बजाय उनका डटकर सामना करने से ही समस्यायें सुलझती है। स्वामी विवेकानंद ने 118 साल पहले जो अमेरिका के शिकागो संसद में जो भाषण दिया था, उसमें उन्होंने बोलने से पहले माई ब्रर्दस एवं सिस्टर कहके अमेरिका की संसद को संबोधित किया था, जिस पर अमेरिका की संसद ने दो मिनट तक तालियां बजाकर स्वामी विवेकानंद का स्वागत किया। पश्चिम देशों में विवेकानंद के उस उद्बोधन ने भारत की छवि को नया मोड़ दिया। उनकी वो बातें आज भी हमारे समाज में सार्थक है।आज भी हमारा युवा और समाज उनके दिये हुए संदेशों पर चल रहा है। भारत के डाॅक्टर, इंजीनियर और टीचर विदेशों में भी अपने अच्छा काम करके भारत का प्रचम विदेशों में बुलंद कर रहे है। 
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर ये संगोष्ठी करवाने का मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की टीम को बधाई देता हूं। इस तरह की संगोष्ठी होती रहनी चाहिए ताकि हमारा युवा हमारे महापुरूषों के बारे में जानकर उनके दिखाये हुए रास्तों पर चले और उनसे प्ररेणा लें। 

विशिष्ट अतिथि रिटायर्ड ब्रिगेडियर जयंत परमार ने अपने विचारों को सांझा करते हुए कहा कि भारत को सपेरो का देश कहा जाता था। भारत में महिलायें सुरक्षित ज्यादा नहीं थी। उस समय में भारत के लोग अंधकारों में जी रहे थे। स्वामी विवेकानंद जी ने छोटी से उम्र में भारत को उस अंधकार से निकालने का काम किया और दुनिया में देश की ख्याति प्रदान की।कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन के अश्वनी शांडिल्य, कालेज की प्राचार्या अर्चना मिश्रा, उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल और एबीवीपी संगठन के सदस्य और पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रधान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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