अंतराष्ट्रीय श्रीमद्गवदगीता जयंती समारोह – 2024 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के पंचम दिवस सामाजिक जीवन में गीता का महत्व विषय पर विचार गोष्ठी संपन्न।
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । श्रीमदभगवतगीता में भगवान श्रीकृष्ण के संदेश दिया है कि मनुष्य को कभी भी अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए और सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए। जो मनुष्य अपने आप पर संदेह करता है और असत्य का साथ देता है। वह कभी भी जीवन में विजय नहीं होता। यह विचार अंतराष्ट्रीय श्रीमद्गवदगीता जयंती समारोह – 2024 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के पंचम दिवस सामाजिक जीवन में गीता का महत्व विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में भारतीय जानता पार्टी के केंद्रीय संघटक विवेक दांडेकर ने बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ विवेक दांडेकर, मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र एवं माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के डिप्टी एडवोकेट जनरल रोहित आर्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन से किया। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य वक्ता विवेक दांडेकर जी ने कहा श्रीमदभगवदगीता केवल पढ़ने के लिए एक पाठ नहीं है, बल्कि जीने का एक तरीका है। जब आप इस यात्रा पर निकलेंगे, तो याद रखें कि ईश्वर का गीत हम में से हर एक के भीतर गूंजता है, जो प्रकट होने का इंतज़ार कर रहा है। इसकी बुद्धिमत्ता आपको पूर्णता और आंतरिक शांति के मार्ग पर ले जाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा भारत आज विश्व के सामने स्वाभिमान से खड़ा है। इसमें महाभारत, रामायण, गीता जैसे आध्यात्मिक साहित्य का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। इनमें से एक भी ग्रंथ भारत में निर्माण नहीं होता, तो भारत का अस्तित्व कब का समाप्त हो चुका होता। अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी समय समय पर दैनंदिन व्यवहार में भी गीता आंशिक रूप से कहीं ना कहीं जरूर होती है। हम गीता के बिना जी नहीं सकते। गीता के इस सार्वकालीन महत्व को पहचानकर भारत के साथ सारा विश्व गीता को अपना रहा है। कार्यक्रम के अतिविशिष्ट
अतिथि माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के डिप्टी एडवोकेट जनरल रोहित आर्य ने कहा गीता में दिए गए उपदेशों से मनुष्य को सही फैसला लेने में मदद मिलती है।गीता में दिए गए ज्ञान से मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से निपटने में न्याय सम्मत समाधान प्राप्त होता है। कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के बच्चों ने गीता की शिक्षाओ पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में आश्रम के विद्यार्थी, सदस्य आदि उपस्थित रहे।