कई मांग जन संवाद कार्यक्रमों में हुई थी प्राप्त
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दी मंजूरी
राजकीय महिला महाविद्यालय, लोहारू का नाम सावित्रीबाई फुले और महिला कॉलेज, जाखन दीदी, रतिया का नाम शहीद दविंद्र सिंह के नाम पर किया जाएगा
एनडी हिन्दुस्तान
चंडीगढ़ । हरियाणा की नायब सरकार ने शहीदों और समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के सम्मान में प्रदेश के पांच कॉलेज का नामकरण करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा आज प्रशासनिक मंजूरी प्रदान दी गई है।
सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के निर्णय के अनुसार, भारत की प्रथम महिला शिक्षिका और महान समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के सम्मान में जनता की मांग को पूरा करते हुए राजकीय महिला महाविद्यालय, लोहारू का नाम सावित्रीबाई फुले के नाम पर किया जाएगा। सरकार का ध्येय है कि सावित्रीबाई फुले जैसी महान शख्सियत के आदर्शों, मूल्यों और कार्यों से हमारी वर्तमान व भावी पीढ़ी सदैव प्रेरणा लेती रहे और समाज निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे।
इसके अलावा, राजकीय महिला महाविद्यालय बावल का नाम श्रीमती सावित्री देवी मोतीलाल (तिहाड़ा वाले) तथा राजकीय महाविद्यालय कनीना का नाम पितामह कान्हा सिंह के नाम पर किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कनीना के नागरिकों ने अपनी जमीन पर स्वयं पैसे खर्च करके महाविद्यालय का निर्माण कराया था और महाविद्यालय का नाम गांव के संस्थापक पितामह कान्हा सिंह के नाम पर रखा था। वर्ष 2014 में सरकार द्वारा महाविद्यालय को टेकओवर करने उपरांत पितामह कान्हा सिंह का नाम हटा दिया गया था। अब कनीनवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए और उनकी मांग को पूरा करते हुए इस महाविद्यालय का नाम पुनः पितामह कान्हा सिंह के नाम पर किया जाएगा।
इसी प्रकार, जन संवाद कार्यक्रमों में प्राप्त हुए प्रतिवेदनों पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने महिला कॉलेज, रतिया का नाम शहीद दविंद्र सिंह के नाम पर करने को भी मंजूरी प्रदान की। उल्लेखनीय है कि दविंद्र सिंह ने जम्मू कश्मीर में अपनी जान की बाजी लगाकर 4 आतंकवादियों को ढेर करते हुए शहीद हो गए थे। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने कॉलेज का नाम शहीद दविंद्र सिंह के नाम पर करने का निर्णय लिया है।
वहीं, राजकीय महाविद्यालय बहरामपुर (बापौली) का नाम बलिदानी नायब सूबेदार महेंद्र कुमार के नाम पर किया जाएगा। नायब सूबेदार महेन्द्र कुमार 6 पेरा रेजिमेंट (पैरा कमांडो) में सेवा करते हुए कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान देश के लिए अपना बलिदान दिया। यह प्रतिवेदन भी जन संवाद कार्यक्रम में प्राप्त हुआ था।