गजेंद्र फोगाट के गीतों पे जमकर झूमे दर्शक, बच्चे-बूढ़े-युवा हुए मस्त
कृष्ण भक्ति के गीतों के साथ साथ दर्शकों की मांग पर अपने अन्य प्रसिद्ध गीत भी सुनाए
ओडिशा के कलाकारों ने भी ब्रहमसरोवर पर बिखेरी ओडिशा लोक संस्कृति की छटा
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । अन्तर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा के प्रसिद्ध लोक कलाकार गजेन्द्र फोगाट ने सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में अपने गीतों के द्वारा श्रोताओं और दर्शकों का मन मोह लिया। गायक गाजेन्द्र फोगाट ने हरियाणवी, पंजाबी गीतों के द्वारा समा बांध दिया। इसके साथ ही ओडिशा के कलाकारों ने भी सांस्कृतिक संध्या को यादगार बनाने में अहम भूमिका अदा की।
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव-2024 में रविवार को देर सायं पुरुषोत्तमपुरा बाग में हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के सौजन्य से सुप्रसिद्घ कलाकार गजेंद्र फोगाट और डा. महावीर गुड्डïू नाइट का आयोजन किया गया। इस सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ सीईओ केडीबी पंकज सेतिया, मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, अशोक रोशा, डा. ऋषिपाल मथाना, राजेश शांडिल्य, एमके मोदगिल, कैप्टन परमजीत सिंह, विजय नरुला ने दीप प्रज्जवलित करके विधिवत रुप से सांस्कृति संध्या का शुभारंभ किया। इस सांस्कृतिक संध्या में सबसे पहले सहयोगी राज्य ओडिशा के कलाकारों ने अपने प्रदेश की संस्कृति की छटा बिखेरने का काम किया। इस प्रदेश के कलाकारों ने अपने नृत्य में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को बखूबी दिखाने का प्रयास किया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की दर्शकों ने खूब प्रशंसा की।
ओडिशा के कलाकारों की प्रस्तुति के उपरांत हरियाणा के प्रसिद्घ गायक गजेंद्र फोगाट ने जैसे ही अपनी प्रस्तुति शुरु की, पांडाल में बैठे दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका जोरदार स्वागत किया। गायक ने अपनी पहली प्रस्तुति में …कान्हा राधा बोर हो रही बरसाने में, चलो-चलो रे घूमादो हरियाणे में…सुनाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ-साथ उन्होंने अपनी प्रस्तुति में हरियाणा के वीर जवानों, किसानों की मेहनतकस जीवन का गुणगान किया। हरियाणवी गायक गजेन्द्र फोगाट ने अपने गीतों की प्रस्तुति के माध्यम से जहां दर्शकों एवं श्रोताओं का मनोरंजन किया, वहीं उनमें देशभक्ति की भावना को बढ़ाने का काम किया। उन्होंने अपने गायन के माध्यम से राधा-कृष्ण की लीलाओं का बखूबी वर्णन किया।
उन्होंने युवाओं से अनुरोध किया कि वे अपनी ऊर्जा को साकारात्मक दिशा में लगाए। उन्होंने कई अन्य हरियाणवी गीतों की प्रस्तुति कर श्रोताओं का मन मोह लिया। इन लोक गीतों के माध्यम से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इन लोक गीतों से हरियाणा प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन करवाने का अनोखा प्रयास किया। इन प्रस्तुतियों की सभी दर्शकों ने तालियां बजाकर सराहना की है।