न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 2 अगस्त। केंद्र सरकार द्वारा घोषित सर्मथन मूल्य पर खरीद गारंटी तथा फसल भुगतान सुनिश्चित का अध्यादेश लाकर कानून बनाए जाने तथा कृषि से संबधित केंद्र के तीनों अध्यादेशों को रद्द करने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले शहर की सड़कों पर उतर कर सैंकडो आंदोलित किसानों ने रोष प्रदर्शन करते हुए जमकर बवाल काटा। किसानों की मांग है कि अब सरकार को किसानों के हितों के लिए समर्थन मूल्य पर फसल खरीद गारंटी का कानून नहीं बनाया तो प्रदेश में सरकार के खिलाफ प्रचंड किसान आंदोलन किया जाएगा। पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक इस मांग को लेकर कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सेनी को ज्ञापन सौंपा। धरने प्रदर्शन को नेतृत्व प्रदेशाध्यक्ष रतनमान व कुरुक्षेत्र जिला अध्यक्ष बलजीत सिंह जेनपुर ने अध्यक्षता की। इससे पूर्व किसानों ने जाट धर्मशाला में किसान पंचायत का आयोजन किया। इस दौरान भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की गई। इस प्रदर्शन में कैथल, कुरुक्षेत्र तथा रादौर हलका के किसानों ने भाग लिया। किसान नेता रतनमान ने कहा कि भाकियू के प्रदेश स्तरीय ऐलान के मुताबिक प्रदेश के सभी लोकसभा व राज्य सभा तथा विपक्ष के नेताओं को अगस्त माह के दौरान ज्ञापन सौंपे जाएगें। इसी कड़ी में रविवार को हिसार व कुरुक्षेत्र के सांसद को ज्ञापन सौंपे गए। मान ने कहा कि अगस्त माह में अगस्त किसान क्रांति आंदोलन शुरू किया गया है। जिसका का आज से महाभारत की कुरुक्षेत्र की पावन धरा से किसानों ने आंदोलन कर बिगुल बजा कर शुरू कर दिया है। यह किसान आंदोलन किसान विरोधी भाजपा सरकार के गले का फांस बनेगा। आंदोलित किसानों ने जाट धर्मशाला से जिंदल चौंक पर पहुंच कर पैदल मार्च निकालते हुए भीषण गर्मी के बीच सांसद नायब सेनी के आवास पर पहुंच कर धरना प्रदर्शन किया। निर्धारित समय पर न पहुंचने से किसानों ने सांसद के खिलाफ रोष जाहिर किया। सांसद के पहुंचने तक आंदोलित किसान कड़ी धूप व तपती सड़क पर डटे रहे। किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगा कर किसान अपनी आवाज को बुलंद्व करते रहे। प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा सरकार धमंडी नेताओं का टोला है। जो किसानों की बात सुनने के तैयार नही है। इसका खामियाजा सरकार को भूगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र में शासित भाजपा की सरकार खेती को प्राईवेट सेक्टर के हवाले करके किसानों की गर्दन कारपोरेट लोगों के हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है। जिसे सफल नही होंने दिया जाएगा। इसके लिए किसान किसी भी तरह की कुर्बानी देने के तैयार हो रहे है।
अगर अध्यादेश किसान हितैषी है तो मुख्यमंत्री बुलाए सर्वदलीय बैठक प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तीनों अध्यादेशों की स्थिति को स्पष्ट करने हेतू 15 अगस्त से पूर्व प्रदेश की सभी विपक्षी दलों के नेताओं व कृषि विषशेज्ञों ओर प्रदेश सभी किसान संगठनों की सांझी बैठक बुला कर विशेष चर्चा करवाएं। चर्चा के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इसके साथ ही अध्यादेशों के प्रति पनप रहे रोष समाप्त होंने के साथ साथ किसानों का भ्रम भी दूर हो जाएगा।
4 को रोहतक में होगी प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत अगर सरकार ने इन तीनों अध्यादेशों को जल्द वापिस नही लिया गया तो इसके विरोध आगामी 4 सितम्बर को रोहतक की नई अनाज मंडी में प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। जिसमें किसान आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की जाएगी। रोहतक किसान महापंचायत के आयोजन से पूर्व भाकियू नेताओं के प्रति कही से पैसा लेने के बारे में लगाए गए आरोप के संबंध में कृषिमंत्री जे.पी.दलाल अपने रूख को स्प्ष्ट करे। वरना किसानों के विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।ये रहे मौजूदप्रदेश उपाध्यक्ष सुखपाल मोठसरा, प्रदेश महासचिव भूराराम पबनावा, प्रदेश संगठन मंत्री श्याम सिंह मान, प्रदेश कोषाध्यक्ष सतपाल दिलोंवाली, यमुनानगर जिलाध्यक्ष सुभाष गुज्जर, रिशाल सिंह टयोंठा, तेजपाल शाहबाद, मंडल महामंत्री अमर सिंह टाटकी, मदन बपदा, जसबीर जेनपुर, अजीत सिंह भूत माजरा, हरपाल संगरोली, यशपाल राणा, बनी सिंह राणा, विकास जेनपुर, भूरा पंजेटा, प्रदीप गादली, धर्मबीर नेहरा सहित सैंकडो किसान मौजूद थे।