अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के वैश्विक गीता पाठ के साथ जुड़ेंगे मध्यप्रदेश के कृष्ण भक्त
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अगले वर्ष महोत्सव में सहयोगी राज्य बनने की इच्छा जारी
उज्जैन में हरिद्वार की तर्ज पर बनेंगे स्थाई अखाड़े और अन्य धार्मिक भवन
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने महोत्सव के संत सम्मेलन में हुए शामिल, मुख्यमंत्री को पवित्र ग्रंथ गीता की प्रति की भेंट
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि गीता जयंती के पावन पर्व 11 दिसंबर को उज्जैन व भोपाल में 5 हजार कृष्ण भक्त एक साथ गीता पाठ करके विश्व रिकॉड बनाऐंगे। इस गीता पाठ के साथ अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में कुरुक्षेत्र के साथ भी ऑनलाइन प्रणाली से जुडक़र पूरे विश्व तक पवित्र ग्रंथ गीता के 18 अध्यायों के साथ जोडऩे का अनूठा प्रयास होगा। इस महोत्सव में मध्य प्रदेश को सहयोगी राज्य के रुप में जोडऩे के लिए हरियाणा सरकार से इच्छा भी जाहिर की है।
एमपी के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव सोमवार को ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के संत सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने गीता स्थली कुरुक्षेत्र को पुण्य और पवित्र भूमि को नमन करते हुए कहा कि पूरी दुनिया के लोग पवित्र ग्रंथ गीता के प्रकाश से ज्ञान अर्जित कर रहे है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन उपदेशों की ताकत से ही दुनिया के कोने-कोने तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को पहुंचाने का काम किया। इस ग्रंथ के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की भूमिका को कभी भूलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने 5 हजार वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर अर्जुन को मोह से मुक्ति दिलाने के लिए गीता के उपदेश दिए। इन उपदेशों से पूरे विश्व को शिक्षा, ज्ञान और संस्कार प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से गुरुकुल परंपरा को धरातल पर लागू किया जा रहा है और पाठ्यक्रम में भी पवित्र ग्रंथ के उपदेशों को शामिल किया जा रहा है। इससे देश की भावी पीढ़ी को देश की संस्कृति और संस्कारों से रुबरु होने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं में सरकार की तरफ से गीता भवन बनाने के लिए बजट जारी किया है। हर यूएलबी में टाउन हॉल के साथ गीता भवन का निर्माण होने से समाज में एक नया परिवर्तन आएगा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में उज्जैन से मथुरा तक कृष्ण पथ की योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत इस पथ पर तीर्थ स्थल विकसित किए जाएंगे और भगवान श्रीकृष्ण की 64 कलाओं और 14 विद्याओं को लेकर भी कृष्ण संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में गौ माता के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष फोकस रखकर योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम किया जा रहा है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से गौशालाओं का निर्माण किया जाएगा और प्रति गौवंश के लिए 40 रुपए का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में घर-घर गोकुल बनाने के लिए आर्थिक अनुदान भी दिया जाएगा ताकि मध्य प्रदेश में दुध उत्पादन 9 फीसदी से बढक़र 20 फीसदी तक का योगदान हो सके। उन्होंने कहा कि 2028 में उज्जैन के कुंभ में सभी अस्थाई अखाड़ों और धार्मिक भवनों को स्थाई रुप से विकसित किया जाएगा। यह विकास विस्तारित योजना के तहत किया जाएगा। इस धार्मिक स्थल को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के संत सम्मेलन के मंच का एक साथ सभी प्रमुख संतों से मिलने और ज्ञान अर्जित करने पर सरकार और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की आभा ने उनको बहुत प्रभावित किया है। इसलिए उनकी इच्छा है कि मध्य प्रदेश को भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सहयोगी राज्य की भूमिका निभाने का मौका मिले। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने संत सम्मेलन के उदेश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर वर्ष संत सम्मेलन का आयोजन हो रहा है और इस संत सम्मेलन में पवित्र ग्रंथ गीता पर नियमित रुप से चिंतन होता है। इस कार्यक्रम में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, अवधेशानंद महाराज व 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पवित्र ग्रंथ गीता की प्रति भेंट की है।