Thursday, December 12, 2024
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पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों ने मानवता को दिया आध्यात्मिक ज्ञान:सावित्री जिंदल

by Newz Dex
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सांध्यकालीन महाआरती में हिसार विधायक सावित्री जिंदल ने की शिरकत

केडीबी की तरफ से मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित

एनडी हिन्दुस्तान

कुरुक्षेत्र । हिसार विधानसभा क्षेत्र की विधायक सावित्री जिंदल ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का एक पौराणिक और आध्यात्मिक इतिहास रहा है। इस धरा पर जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मोह ग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया वहीं पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों ने मानवता को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया है। इसके साथ-साथ अनेक महान संतों के पैर इस धरा पर पड़े, जिससे इस धरा की महता दूर-दूर तक फैली हुई है।
विधायक सावित्री जिंदल मंगलवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी। इससे पहले विधायक सावित्री जिंदल, मुख्यमंत्री के ओएसडी राजेश गोयल, चेयरमैन मेघना भंडारी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सर्वेश पाठक, राष्ट्रीय सचिव अंकित घई, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अरुण कुमार नेटके, केयूके वीसी प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, ममता सचदेवा, आरएसएस के प्रचारक विजय कुमार, देवेन भाटिया, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हर्षित राय, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, कुरुक्षेत्र 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, संस्कार भारती के केंद्रीय मंत्री अशोक, गुरु ब्रह्मानंद आश्रम से साध्वी दर्शना देवी, साध्वी देव, केडीबी सदस्य अशोक रोशा, डा. ऋषिपाल मथाना, डा. एमके मोदगिल, कैप्टन परमजीत सिंह, युद्घिष्ठïर बहल, विजय नरुला, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, डीआरओ चेतन चौधरी, धर्मवीर सेवानिवृत्त आईएएस, राकेश सिंगला, प्रेम नारायण अवस्थी, क्रांति चावला, एडवोकेट रणबीर कश्यप, विनोद गर्ग, रोहित गुप्ता ने पुरुषोत्तमपुरा बाग में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर ब्रह्मसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्वलित कर विधिवत रूप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया।
विधायक सावित्री जिंदल ने कहा कि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र धरा के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ-साथ ब्रह्मसरोवर का भी कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक धार्मिक और पौराणिक इतिहास है। विभिन्न अवसरों पर इस तीर्थ के सरोवर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। पवित्र ब्रह्मसरोवर की महाआरती से कर्म करने की शक्ति मिलती है, इस शक्ति से समाज सेवा में अपना योगदान दिया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को कर्म करने का संदेश लेने के लिए कुरुक्षेत्र की भूमि पर जरूर आना चाहिए और पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को अपने जीवन में धारण करके उनका अनुसरण करना चाहिए। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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