शिल्प और सरस मेले में जमकर हो रही है खरीददारी
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कलाकार दिखा रहे है अपना हुनर
शिल्पकारों की कला के बेजोड़ नमूने बड़ा रहे है महोत्सव की शोभा
15 दिसंबर तक चलेगा शिल्प और सरस मेला
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन पर्व पर पवित्र ब्रह्मसरोवर के घाट कला और संस्कृति के अदभुत संगम स्थल बन गए है। इस दृश्य का आनंद लेने और अपने मोबाइल में कैद करने के लिए देश और प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु और पर्यटक बड़े उत्साह के साथ पहुंच रहे है। इन पर्यटकों का उत्साह उस समय झलकता है जब विभिन्न प्रदेशों के वाद्य यंत्रों और लोक नृत्यों के साथ पर्यटक झूम उठते है। अहम पहलू यह है कि हरियाणा पैवेलियन में हरियाणा की ऐतिहासिक धरोहर संजोए बेजोड़ नमूने, हरियाणा की आन-बान-शान देहाती पगड़ी, हरियाणा के पारम्परिक व्यंजन, देशी ठाठ-बाट, रहन-सहन, खेत-खलिहान, मध्य प्रदेश के पवेलियन में झलकती सांस्कृतिक धरोहर इस महोत्सव के आनंद को ओर बढ़ाने का काम कर रही है।
महोत्सव के 15वें दिन सरस और शिल्प मेले का आनंद लेने और खरीददारी करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक ब्रह्मसरोवर के घाटों पर नजर आए। यह महोत्सव चरम सीमा पर पहुंच चुका है और आने वाले दिनों में भी लाखों लोगों के पहुंचने की सम्भावना है। इस महोत्सव में लगातार बढ़ रही भीड़ से यह आकलन किया जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव प्रदेश ही नहीं देश वासियों का एक विशेष उत्सव बन चुका है और इस उत्सव में अपनी भागीदारी और मौजूदगी को दर्ज करवाने के लिए देश-विदेश से लोग ब्रह्मसरोवर के तट पर पहुंच रहे है। विभिन्न प्रदेशों की लोक और शिल्प कलाओं को देखकर ऐसा मालूम होता है कि इन कलाओं का यह संगम पर्यटकों को अपनी ओर चुम्बक की तरह खींच रहा है।
शिल्प और सरस मेले का आनंद लेने के उपरांत विभिन्न प्रदेशों के व्यंजन जिनमें राजस्थान के चूरमे, कश्मीर का काहवा व चाय, गोहाना की जलेबी, छोले-भटूरे, पाव-भाजी आदि, पर्यटकों के जीभ के स्वाद को भी बढ़ा रहे है। इस महोत्सव में पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और पर्यटक लोक कलाओं और खानपान का भरपूर आनंद ले पाए इसकी व्यवस्था पर प्रशासन नजर रखे हुए है। प्रशासन के आलाधिकारी समय-समय पर ब्रहमसरोवर के कार्यक्रमों स्थलों का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था सहित अन्य प्रबंधों का भी जायजा ले रहे है और जहां भी कमी नजर आती है, उसे तुरंत दुरुस्त करवाने का काम किया जा रहा है। केडीबी और प्रशासन की तरफ से श्रृद्घालुओं और पर्यटकों के लिए हर प्रकार के पुख्ता इंतजाम किए गए है और महोत्सव की तमाम गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। हालांकि महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम समाप्त को चुके है लेकिन पर्यटक इस महोत्सव के शिल्प और सरस मेले का आनंद 15 दिसंबर तक उठा सकते है।