कर गए वादा… फिर मिलेंगे… अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का सरस व शिल्प मेला हुआ संपन्न
महोत्सव के आखिरी पलों को मोबाइल में कैद करने की मची होड़
शिल्पकारों व कलाकारों के हुनर को महोत्सव ने दी एक नई पहचान
शिल्पियों व कलाकारों ने महोत्सव में शानदार प्रबंधों के लिए प्रशासन का आभार किया व्यक्त
महोत्सव के आखिरी दिन पर्यटकों ने जमकर की खरीदारी
महोत्सव की पल-पल की खबर से रुबरु करवाने में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का रहा सहयोग
सूचना केंद्र के माध्यम से प्रसारित हजारों सूचनाओं से मिला शिल्पकारों व पर्यटकों को फायदा
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 ने राष्ट्र ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक पहचान बना ली है। इस महोत्सव के शिल्प और सरस मेले के अंतिम दिन शिल्पकार और कलाकार रुखसत होने से पहले अपने स्टॉलों और घाटों पर पर्यटकों गर्मजोशी के साथ स्वागत करते नजर आए और जाते-जाते ब्रह्मसरोवर के पावन तटों को नमन करके पर्यटकों से रुखसत ली तथा पर्यटकों से वादा करके गए कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 अगले वर्ष में फिर से मिलेंगे। यह महोत्सव पूर्ण सुरक्षा और व्यवस्था के बीच सफल आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ। अहम पहलु यह है कि आगामी वर्ष में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 में संभावित 1 दिसंबर 2025 के दिन दीपदान कार्यक्रम होगा।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 को यादगार और सफल बनाने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया कर्मियों और शहर का आम नागरिकों का भरपूर सहयोग मिला। सभी के साझे प्रयासों से यह महोत्सव सफलता पूर्ण रूप से सम्पन्न हुआ। अब इस महोत्सव ने लोगों के दिलों में अपनी स्थाई पहचान बना ली है। इस महोत्सव में यह देखने को मिला कि हरियाणा ही नहीं देश के कोने-कोने से लोग शिल्पकला का दीदार करने के लिए पहुंचे है। सोशल साइट्स के जरिए इस महोत्सव की झलकियां को दुनिया के कोने-कोने में बैठकर लोगों ने देखा है। इस महोत्सव का लाखों लोगों ने अवलोकन किया।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर तट पर 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक चले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 का विधिवत समापन हुआ। महोत्सव में आए शिल्पकार अगले साल फिर से आने का वादा कर रुखसत हुए। इस उत्सव में देश व प्रदेश के कोने-कोने से सांस्कृतिक कलाकारों व शिल्पकारों ने भाग लिया। यहां के लोगों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया। ठंड का मौसम होने के बावजूद रोजाना पर्यटकों व श्रद्धालुओं ने इस महोत्सव में आकर जमकर खरीददारी की। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश-विदेश के लाखों पर्यटकों व श्रद्धालुओं ने शिरकत की है।
विभिन्न राज्यों के हजारों कलाकारों ने दिखाए अपनी कला के रंग
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में पार्टनर कंट्री तंजानिया व पार्टनर स्टेट ओडिशा के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक मुख्य मंच, हरियाणा व ओडिशा पवेलियन, सांस्कृतिक संध्या, ब्रह्मसरोवर के घाटों पर रोजाना सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रस्तुत कर पर्यटकों का मनोरंजन किया। इसके अलावा 48 कोस के 182 तीर्थों पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों व जिला स्तरीय कार्यक्रमों में भी अपनी प्रस्तुति दी है। इस महोत्सव में जहां आरती स्थल पर संध्या के समय विभिन्न नामी कलाकार अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। वहीं इसके साथ-साथ मुख्य पंडाल में सांध्यकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी प्रसिद्ध अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि, गायक हंस राज हंस, अभिनेता आशुतोष राणा, कवि डा. कुमार विश्वास, प्रसिद्ध हरियाणवी गायक गजेंद्र फोगाट, महावीर गुड्डू, रंजू प्रसाद, मनीषा आदि ने अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इसके साथ-साथ हरियाणा, ओडिशा व तंजानिया के पवेलियन में हरियाणा, ओडिशा व तंजानिया की सांस्कृतिक विरासत के झरोखों को भी देखने का सुनहरी अवसर मिला।
हजारों सूचनाओं से मिला पर्यटकों को फायदा
जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा स्टॉल नंबर 1 पर बनाए गए सूचना केंद्र पर 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक हजारों सूचनाएं देकर बिछड़ों को मिलाने, खोए हुए बच्चों को अभिभावकों से मिलाने, स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ-साथ खोए हुए सामान व अन्य मामलों का निपटारा करने का काम किया गया। इस सूचना केंद्र की कमान खंड प्रचार कार्यकर्ता मनोज कुमार, बरखा राम, ईश्वर, एमबीपी राजकुमार, राजकुमार शर्मा, शीश राम, सुमन प्रकाश आदि ने संभाली हुई थी। इन लोगों ने लगातार 18 दिन तक पूरी ईमानदारी से ड्यूटी करके मेला क्षेत्र में पर्यटकों तक हजारों सूचनाओं को पहुंचाने का काम किया। ये सभी कर्मचारी अलसुबह से लेकर देर रात्रि तक अपनी ड्यूटी पर पूरी मुस्तैदी से डटे रहे।
नगाड़ा पार्टी, बहरूपिए व कच्ची घोड़ी रही आकर्षण का केंद्र
सांस्कृतिक कलाकारों के अलावा नगाड़ा पार्टी, राजस्थान की कच्ची घोड़ी के साथ-साथ पंजाब से आए बाजीगर ग्रुप भी महोत्सव में आकर्षण का केंद्र रहे। इन कलाकारों ने जहां बच्चों का खूब मनोरंजन किया, वहीं विभिन्न स्थानों पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी खींचने का पर्यटकों में खूब के्रज रहा। इन सेल्फी प्वाइंट पर रात्रि के समय जगमग रंग-बिरंगी रोशनी में फोटो खींचकर पर्यटक बहुत खुश हुए।
मीडिया, समाजसेवी संस्थाओं, शहर वासियों व अधिकारियों का किया आभार व्यक्त
उपायुक्त नेहा सिंह ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के सफल आयोजन पर सभी पत्रकार व छायाकारों, समाजसेवी व धार्मिक संस्थाओं, शहर वासियों और अधिकारियों, कर्मचारियों तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तमाम लोगों के संयुक्त प्रयास से ही 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक चला यह महोत्सव सफल रहा और इस महोत्सव की गूंज देश-विदेश के कोने-कोने तक सुनाई दी।
हरियाणवी खान-पान के साथ पंजाब और राजस्थानी व्यंजनों का भी उठाया लुफ्त
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां एक ओर ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक से लगे सरस और क्राफ्ट मेले में लोगों ने जमकर खरीददारी की वहीं दूसरी और ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर आने वाले पर्यटकों ने हरियाणवी खान-पान के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लुफ्त उठाया। इस भव्य आयोजन में जहां शिल्पकारों ने अपनी शिल्पकला से लोगों को प्रभावित किया है वहीं दूसरी ओर पर्यटक विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों को भी पसंद कर रहे है।
संध्या कालीन आरती के साथ-साथ रंग बिरंगी लाइटों आनंद लेते आए नजर
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर होने वाली संध्या कालीन आरती में पर्यटकों ने भाग लिया वहीं दूसरी ओर रात्रि के समय में पर्यटक इस भव्य आयोजन में रंग बिरंगी लाइटों से सजे ब्रह्मसरोवर के तट का आनंद लेते हुए नजर आए। पवित्र ग्रंथ गीता पूरी दुनिया को अध्यात्म और दार्शनिक तरीके से देखना-समझना सिखाता है, जिंदगी को जीना सिखाता है। हम अपने जीवन और उसके उदेश्यों को लेकर कई तरह के प्रश्नों से जूझते रहते है, लेकिन यह पवित्र ग्रंथ हमें हर प्रश्नों का जवाब बहुत अच्छे तरीके से देता है। यह ज्ञान हर मनुष्य के लिए जरूरी है।